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    Guru Nanak Jayanti 2025: कब है गुरु नानक जयंती? यहां पढ़ें गुरु पर्व का इतिहास और महत्व

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 01:42 PM (IST)

    गुरु नानक जयंती (Gurpurab 2025) हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर मनाई जाती है। इस दिन प्रभात-फेरी, शोभा यात्रा, भजन-कीर्तन और लंगर का आयोजन किया जाता है। गुरु नानक देव जी ने 'एक ओंकार', 'नाम जपना', 'किरत करना' और 'वंड छकना' जैसे सिद्धांतों की शिक्षा दी। इस साल यह 5 नवंबर को उनकी 556वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी।

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    Guru Nanak Jayanti 2025: गुरु नानक जयंती का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। गुरु नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु थे। गुरु नानक जयंती को प्रकाश उत्सव और गुरु पर्व भी कहा जाता है। सिख धर्म के अनुयायियों के लिए यह दिन बेहद खास होता है।

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    Guru Nanak Jayanti 2025 lifestory

    गुरु नानक देव जी बचपन से ही अध्यात्मिक प्रवृति के थे। साथ ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। गुरु नानक जयंती के शुभ अवसर पर प्रभात-फेरी और शोभा यात्रा निकाली जाती है। प्रभात फेरी के दौरान भजन-कीर्तन किया जाता है। साथ ही साधक कथा-कीर्तन करते हैं। इसके साथ ही गुरूद्वारे में लंगर का भी आयोजन किया जाता है। आइए, गुरु नानक जयंती के बारे में सबकुछ जानते हैं-

    कब है गुरु नानक जयंती? (Guru Nanak Jayanti date)

    इस साल बुधवार 05 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है। इस शुभ अवसर पर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 556 वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। गुरु नानक देव जी ने लोगों को चार प्रमुख सिद्धांतों की शिक्षा दी है।

    • एक ओंकार- ईश्वर एक है।
    • नाम जपना- ईश्वर का जप करें।
    • किरत करना- ईमानदारी से जीवन-यापन करें।
    • वंड छकना- जरूरतमंदों के मध्य बांटने की भावना मन में हो।

    कार्तिक पूर्णिमा तिथि और शुभ मुहूर्त

    • पूर्णिमा तिथि की शुरुआत- 4 नवंबर को देर रात 10 बजकर 36 मिनट से
    • पूर्णिमा तिथि का समापन- 5 नवंबर को शाम 6 बजकर 48 मिनट पर

    गुरु नानक जयंती (importance of Gurpurab)

    गुरु नानक जयंती के दिन प्रभात फेरी निकाली जाती है। इस मौके पर उनके अनुयायी भजन-कीर्तन करते हैं। प्रभात फेरी में अनुयायी (उनके मानने वाले) सिख धर्म का ध्वज साथ लेकर चलते हैं। सिख धर्म के ध्वज को निशान साहिब कहा जाता है। इस मौके पर लगातार 48 घंटे तक गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ किया जाता है। गुरु नानक जयंती के दिन लंगर का भी आयोजन किया जाता है।

    गुरु नानक देव सिख धर्म के पहले गुरु थे। इनका जन्म पंजाब के तलवंडी में हुआ था। वर्तमान समय में यह पाकिस्तान के ननकाना साहिब के नाम से प्रसिद्ध है। युवावस्था में उन्हें अध्यात्मिक शक्ति का अनुभव हुआ। उन्होंने लोगों को सत्य की राह (Guru Nanak teaching) पर चलने की सलाह दी। साथ ही बाह्य आडंबर का खंडन किया। उन्होंने लोगों को एक दूसरे की मदद करने की सलाह दी। 22 सितंबर, 1539 को गुरु नानक देव की मृत्यु हुई।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।