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    Bhanu Saptami 2024: भाद्रपद माह में कब मनाई जाएगी भानु सप्तमी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं पूजा समय

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 22 Aug 2024 06:16 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि भानु सप्तमी (Bhanu Saptami 2024) पर आत्मा के कारक सूर्य देव की पूजा करने से कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होता है। साथ ही साधक को आरोग्यता का वरदान प्राप्त होता है। कुंडली में सूर्य मजबूत होने से करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है। साधक भानु सप्तमी पर विधि-विधान से सूर्य देव की पूजा करते हैं।

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    Lord Sun: सूर्य देव को कैसे प्रसन्न करें ?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के अगले दिन भानु सप्तमी मनाई जाती है। इस दिन सूर्य देव की पूजा-उपासना (Bhanu Saptami Puja Vidhi) की जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि भानु सप्तमी तिथि पर सूर्य देव का प्रादुर्भाव हुआ है। अतः कृष्ण और शुक्ल पक्ष तिथि पर भानु सप्तमी मनाई जाती है। सूर्य देव की उपासना करने से साधक को सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से निजात मिलती है। इस शुभ अवसर पर साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान कर सूर्य उपासना करते हैं। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    भानु सप्तमी शुभ मुहूर्त (Bhanu Saptami Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 25 अगस्त को सुबह 05 बजकर 31 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 26 अगस्त को देर रात 03 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि से गणना की जाती है। अत: 25 अगस्त को भानु सप्तमी मनाई जाएगी।

    भानु सप्तमी शुभ योग (Bhanu Saptami Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो भानु सप्तमी पर दुर्लभ ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन 26 अगस्त को रात 12 बजकर 29 मिनट पर हो रहा है। इसके साथ ही त्रिपुष्कर योग और रवि योग का भी संयोग बन रहा है। वहीं, भानु सप्तमी पर भद्रावास योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में सूर्य देव की उपासना करने से आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त है।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 56 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 50 मिनट पर

    चन्द्रोदय- रात 10 बजकर 17 मिनट पर

    चंद्रास्त- सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 11 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 32 मिनट से 03 बजकर 24 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 50 मिनट से 07 बजकर 12 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।