Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    क्या है अंगों का फड़कना

    By Preeti jhaEdited By:
    Updated: Thu, 30 Apr 2015 11:49 AM (IST)

    हमारा शरीर बहुत ही ज्यादा संवेदनशील है। शरीर के किसी भी अंग में कुछ भी हरकत होने पर तुरंत हमारा मस्तिष्क सक्रिय हो जाता है और फिर हमें उस घटना का अहसास हो जाता है। अंगों का फड़कना भी इन्हीं में से एक है।

    हमारा शरीर बहुत ही ज्यादा संवेदनशील है। शरीर के किसी भी अंग में कुछ भी हरकत होने पर तुरंत हमारा मस्तिष्क सक्रिय हो जाता है और फिर हमें उस घटना का अहसास हो जाता है। अंगों का फड़कना भी इन्हीं में से एक है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अंगों के फड़कने को लेकर समुद्रशास्त्र में कई बातें बताई गईं हैं। कुछ लोग इन बातों पर विश्वास करते हैं तो कुछ इन्हें अंधविश्वास का नाम देते हैं। लेकिन अंगों का फड़कना कभी- कभी शुभ तो कभी अशुभ संकेतों की तरफ इशारा करता है।

    दायां कंधा फड़कने से भाईयों और मित्रों से सहयोग मिलता है।
    यदि दोनों कंधे एक साथ फड़कें तो पारिवारिक क्लेश की उत्पत्ति होती है।
    कानों के पिछले भाग का फड़कना अशुभ होता है। व्यक्ति को तिरस्कार की अवस्था से गुजरना पड़ता है।
    दाईं आंख की पुतली फड़कने से संतान सुख और बाईं आंख फड़कने से कार्य में व्यवधान आता है।
    दायां गाल फड़कने से मान-प्रतिष्ठा में धन प्राप्ति का सूचक होता है।
    संपूर्ण नाक का फड़कना मान प्रतिष्ठा एवं धन प्राप्ति का सूचक माना जाता है।
    स्त्री का दायां और पुरुष का बायां कान यदि फड़के तो शुभ होता है। इस स्थिति में निश्चय ही मुलाकात होती है।
    भुजाओं, अंगूठों और अंगुलियों का फड़कना शुभ नहीं माना जाता, लेकिन हथेलियों के फड़कने से कहीं धन की प्राप्ति की प्रबल संभावना होती है।
    पुरुषों की दायीं भोंह का फड़कना सौभाग्य का प्रतीक और दाईं आंख की फड़कने से प्रियजनों से मिलने का सूचक होता है। जबकि स्त्रियों के लिए ठीक इसके विपरीत होता है।
    ठोढ़ी का दायां भाग फड़ने से कठिनाइयां आ सकती हैं। यदि स्त्री की बाईं ठोढ़ी फड़के तो सुखद सौभाग्य का प्रतीक होती है।
    पैर के टखने का फड़कना दाईं और शुभ होता है। मित्रों के आगमन का सूचक होता है। जबकि बाईं और फड़कना आकस्मिक दुर्घटना का सूचक होता है।

    क्या है अंगों का फड़कना साभार- [नई दुनियां]