जीवन की परीक्षा: हमारी क्षमताओं की परख के लिए परीक्षा लेते हैं ईश्वर
वास्तव में परमात्मा ने प्रत्येक व्यक्ति के लिए विशिष्ट प्रश्न पत्र तैयार किया होता है जिसे संबंधित व्यक्ति अपनी क्षमताओं से ही हल करने में सक्षम हो सकता है। ये क्षमताएं भी ईश्वर ने प्रदान की होती हैं और प्राय वह उन्हीं क्षमताओं की परख के लिए परीक्षा लेते हैं।
परीक्षाएं प्रत्येक बच्चे के लिए महत्वपूर्ण होती हैं, क्योंकि उन्हें उत्तीर्ण कर ही उनके भविष्य की राह प्रशस्त होती है। यही कारण है कि सभी बच्चे परीक्षाओं में उत्तीर्ण होना चाहते हैं। इसके लिए वे पूरे वर्ष कठोर परिश्रम करते हैं। हालांकि सभी उतना परिश्रम नहीं करते और उनमें से तमाम अन्य अनैतिक तौर-तरीकों का आश्रय लेते हैं। इससे उन्हें क्षणिक सफलता अवश्य मिल जाए, परंतु वे जीवन की वास्तविक परीक्षा में कभी सफल नहीं हो सकते। उनका कभी पूर्ण विकास संभव नहीं हो पाता।
अनैतिक मार्ग अपनाने वाले इन बच्चों का जब जीवन की अत्यंत ही कठिन परिस्थितियों अथवा परीक्षाओं से सामना होता है, तब ऐसे अनैतिक क्रियाकलापों से प्रयोजन सिद्ध नहीं हो पाता। इसके उलट इस अनैतिक मार्ग से वे जीवन में अनावश्यक रूप से और समस्याओं एवं प्रतिकूल परिस्थितियों को आमंत्रित कर बैठते हैं।
इसका प्रमुख कारण यही है कि जीवन की वास्तविक परीक्षाओं में दस्तक देने वाले प्रश्नों का नकल या किसी और अनैतिक प्रकार से हल करना संभव नहीं। जीवन की परीक्षाओं में किसी पुस्तक से प्रश्न नहीं पूछे जाते। न ही उनके लिए कोई कुंजी उपलब्ध होती है। न ही सभी के जीवन में एक जैसे प्रश्न होते हैं।
वास्तव में परमात्मा ने प्रत्येक व्यक्ति के लिए विशिष्ट प्रश्न पत्र तैयार किया होता है, जिसे संबंधित व्यक्ति अपनी क्षमताओं से ही हल करने में सक्षम हो सकता है। ये क्षमताएं भी ईश्वर ने प्रदान की होती हैं और प्राय: वह उन्हीं क्षमताओं की परख के लिए किसी व्यक्ति विशेष की परीक्षा भी लेते हैं।
प्राय: कुछ लोगों की परीक्षा अत्यंत कठिन प्रतीत होती है तो उसका परिणाम भी अत्यंत मनोहर होता है। तमाम महापुरुषों का जीवन इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। इसलिए आरंभ से ही संयम, कठोर परिश्रम एवं न्यूनतम साधनों में जीवन व्यतीत करने की आदत बच्चों में डालनी चाहिए, ताकि भविष्य में जीवन के कठिनतम क्षणों में भी वे विचलित न हों।
चेतनादित्य आलोक