Weekly Vrat Tyohar 24 To 30 Nov 2024: कब है उत्पन्ना एकादशी और गुरु प्रदोष व्रत? जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष माह के दूसरे सप्ताह में कई प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे। इनमें उत्पन्ना एकादशी और गुरु प्रदोष व्रत प्रमुख हैं। इसके साथ ही मासिक शिवरात्रि भी मनाई जाएगी। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और विष्णु की पूजा की जाएगी। इस महीने में भगवान कृष्ण की विशेष पूजा की जाती है। मार्गशीर्ष माह के दूसरे सप्ताह (Weekly Vrat Tyohar List) में ये प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में मार्गशीर्ष महीना का विशेष महत्व है। यह महीना जगत के पालनहार भगवान कृष्ण को समर्पित है। इस महीने में भगवान कृष्ण की विशेष पूजा की जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने अपने परम शिष्य अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। इस शुभ अवसर पर मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इस व्रत को करने से व्यक्ति विशेष को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, मार्गशीर्ष माह में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। वहीं, नवंबर महीने का समापन होने वाला है। आइए, 24 नवंबर से लेकर 30 नवंबर के मध्य प्रमुख व्रत-त्योहार के बारे में जानते हैं।
यह भी पढ़ें: उत्पन्ना एकादशी पर विष्णु जी को लगाएं इन चीजों का भोग, सभी सुखों की होगी प्राप्ति
व्रत-त्योहार की सही डेट
- वैदिक पंचांग के अनुसार, 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी है। यह पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस तिथि से एकादशी व्रत की शुरुआत की जाती है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। उत्पन्ना एकादशी पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं।
- 28 नवंबर को गुरु प्रदोष व्रत है। प्रदोष व्रत हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। गुरुवार के दिन पड़ने पर यह गुरु प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा। गुरु प्रदोष व्रत करने से शत्रुओं पर विजयश्री मिलती है।
- 30 नवंबर को मासिक शिवरात्रि है। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।
- 30 नवंबर को दर्श अमावस्या है। मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि 30 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 01 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी। इसके लिए 30 नवंबर को दर्श अमावस्या है।
उत्पन्ना एकादशी शुभ मुहूर्त (Utpanna Ekadashi 2024)
वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 26 नवंबर को देर रात 01 बजकर 01 मिनट पर होगी। इस प्रकार 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी है। साधक 27 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 12 मिनट से लेकर 03 बजकर 18 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें: उत्पन्ना एकादशी पर राशि अनुसार करें भगवान विष्णु का अभिषेक, चमक उठेगा सोया हुआ भाग्य
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।