Vrishabh Sankranti पर राशि अनुसार करें इन मंत्रों का जप, हर एक समस्या का होगा समाधान
गुरुवार का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही विवाहित एवं अविवाहित महिलाएं गुरुवार का व्रत रखती हैं। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। वृषभ संक्रांति (Vrishabh Sankranti 2025) के दिन कई मंगलकारी योग बन रहे हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, गुरुवार 15 मई को ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। इस शुभ अवसर पर आत्मा के कारक सूर्य देव राशि परिवर्तन करेंगे। 15 मई को सूर्य देव मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर वृषभ संक्रांति मनाई जाएगी।
सनातन धर्म में संक्रांति तिथि का खास महत्व है। इसके लिए वृषभ संक्रांति के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पुण्यदायिन गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाएंगे। इसके बाद विधि-विधान से सूर्य देव की पूजा करेंगे। सूर्य देव की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान मिलता है। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
अगर आप भी सूर्य देव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो वृषभ संक्रांति तिथि पर भक्ति भाव से भगवान भास्कर और मां गंगा की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय राशि अनुसार इन मंत्रों का जप करें। वहीं, पूजा का समापन सूर्य देव की आरती से करें।
यह भी पढ़ें: वृषभ संक्रांति से इन लोगों के जीवन में होगा बड़ा बदलाव, पूरी होगी मनचाही मुराद
राशि अनुसार मंत्र जप
- मेष राशि के जातक वृषभ संक्रांति के दिन 'ॐ गंगायै नमः और ॐ अरुणाय नमः' मंत्र का जप करें।
- वृषभ राशि के जातक संक्रांति के दिन 'ॐ अनलायै नमः और ॐ शरण्याय नमः' मंत्र का जप करें।
- मिथुन राशि के जातक वृषभ संक्रांति पर 'ॐ अव्ययायै नमः और ॐ आदित्याय नमः ' मंत्र का जप करें।
- कर्क राशि के जातक संक्रांति के दिन 'ॐ उमासपत्न्यै नमः और ॐ अच्युताय नमः' मंत्र का जप करें।
- सिंह राशि वाले सूर्य देव की कृपा पाने के दिन 'ॐ त्रिवेण्यै नमः और ॐ अनन्ताय नमः'मंत्र का जप करें।
- कन्या राशि के जातक वृषभ संक्रांति के दिन 'ॐ जयायै नमः और ॐ विश्वरूपाय नमः' मंत्र का जप करें।
- तुला राशि के जातक वृषभ संक्रांति के दिन 'ॐ सावित्र्यै नमः और ॐ भानवे नमः' मंत्र का जप करें।
- वृश्चिक राशि के जातक संक्रांति के दिन ' ॐ जगन्मात्रे नमः और ॐ ईशाय नमः' मंत्र का जप करें।
- धनु राशि के जातक संक्रांति के दिन 'ॐ नन्दिन्यै नमः और ॐ सुप्रसन्नाय नमः' मंत्र का जप करें।
- मकर राशि के जातक वृषभ संक्रांति के दिन 'ॐ शरण्यै नमः और ॐ वसुप्रदाय नमः' मंत्र का जप करें।
- कुंभ राशि के जातक वृषभ संक्रांति के दिन 'ॐ अनन्तायै नमः और ॐ वासुदेवाय नमः' मंत्र का जप करें।
- मीन राशि के जातक वृषभ संक्रांति पर 'ॐ पूर्णायै नमः और ॐ उज्ज्वलाय नमः ' मंत्र का जप करें।
॥ आरती श्री सूर्य जी ॥
जय कश्यप-नन्दन,ॐ जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन - तिमिर - निकन्दन,भक्त-हृदय-चन्दन॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सप्त-अश्वरथ राजित,एक चक्रधारी।
दुःखहारी, सुखकारी,मानस-मल-हारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सुर - मुनि - भूसुर - वन्दित,विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर,दिव्य किरण माली॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सकल - सुकर्म - प्रसविता,सविता शुभकारी।
विश्व-विलोचन मोचन,भव-बन्धन भारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
कमल-समूह विकासक,नाशक त्रय तापा।
सेवत साहज हरतअति मनसिज-संतापा॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
नेत्र-व्याधि हर सुरवर,भू-पीड़ा-हारी।
वृष्टि विमोचन संतत,परहित व्रतधारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सूर्यदेव करुणाकर,अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान-मोह सब,तत्त्वज्ञान दीजै॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
यह भी पढ़ें: सूर्य देव की पूजा के समय करें इन मंत्रों का जप, दूर हो जाएंगे सभी संकट
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।