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    Vivah Panchami 2025: विवाह पंचमी के दिन निभाई जाती हैं ये रस्में, भक्ति से सराबोर रहता है माहौल

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 10:44 AM (IST)

    विवाह पंचमी में राम-जानकी विवाह के दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दिन कई स्थानों पर विशेषकर अयोध्या में भगवान श्रीसीताराम के विवाह की झांकी निकाली जाती है, भजन-कीर्तन और मंगल गीत गायन किया जाता है। साथ ही इस दौरान कई विवाह की रस्में निभाई जाती हैं। चलिए जानते हैं इस रस्मों के बारे में।

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    Vivah Panchami 2025 (AI Generated Image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। त्रेता युग में मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी पर भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था। ऐसे में हर साल इस तिथि को विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 25 नवंबर को विवाह पंचमी (Vivah Panchami 2025) को मनाया जा रहा है। यह केवल एक दिवसीय पर्व नहीं होता, बल्कि इस दौरान और विवाह से संबंधित भी कई रीति-रिवाज निभाए जाते हैं। चलिए जानते हैं उनके बारे में।

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    निकाली जाती है राम जी की बारात

    विवाह पंचमी के दौरान पूरी अयोध्या नगरी भक्ति भाव से सराबोर रहती है। इस दौरान वधू पक्ष और वर पक्ष के प्रतीकात्मक रूप से अलग-अलग दो दल बनाए जाते हैं जो पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए विवाह को धूमधाम से संपन्न करते हैं। सबसे पहले अयोध्या की सड़कों पर राम जी की बारात निकाली जाती है। भक्तजनों के साथ-साथ इस यात्रा में हाथी-घोड़े और बैंड-बाजे भी शामिल होते हैं।

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    होता है राम कलेवा का आयोजन

    भगवान श्रीराम और माता सीता का दिव्य विवाह संपन्न होने के बाद अयोध्या के मठ-मंदिरों में राम कलेवा का आयोजन किया जाता है। इस दौरान भगवान श्री सीताराम के नवविवाहित जोड़े को 56 व्यंजनों का भोग अर्पित किया जाता है। अंत में माता सीता की विदाई की रस्म निभाई जाती है। विवाह पंचमी के इस दिव्य आयोजन का हिस्सा बनने के लिए कई लोग अयोध्या पहुंचते हैं।

    Vivah Panchami I (1)

    इ(Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    न कामों से मिलता है लाभ

    विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर सीता-राम के मंदिरों में विशेष पूजन, यज्ञ और अनुष्ठान किए जाते हैं। कई स्थानों पर विवाह पंचमी के दिन श्री रामचरितमानस का पाठ भी किया जाता है। माना जाता है कि इस दिन पर व्रत करने और माता सीता व भगवान श्रीराम का विशेष पूजन करने से साधक की शादी में आ रही रुकावटें दूर होती हैं। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।