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    Vivah panchami 2023: विवाह पंचमी पर करें इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ और मंत्र जाप, दूर हो जाएंगे दुख और संताप

    धार्मिक मत है कि विवाह पंचमी पर भगवान श्रीराम और मां जानकी की पूजा-अर्चना करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख समृद्धि एवं खुशहाली आती है। अगर आप भी अपने जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट से निजात पाना चाहते हैं तो विवाह पंचमी पर पूजा के समय इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ और मंत्र जाप करें।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 14 Dec 2023 01:39 PM (IST)
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    Vivah panchami 2023: विवाह पंचमी पर करें इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ और मंत्रों का जाप

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vivah panchami 2023: पंचांग के अनुसार, 17 दिसंबर को विवाह पंचमी है। यह पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम और मां जानकी की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही राम विवाह का भी आयोजन किया जाता है। धार्मिक मत है कि विवाह पंचमी पर भगवान श्रीराम और मां जानकी की पूजा-अर्चना करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। अगर आप भी अपने जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट से निजात पाना चाहते हैं, तो विवाह पंचमी पर पूजा के समय इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ और मंत्रों का जाप करें। इन स्तोत्र के पाठ से भगवान श्रीराम शीघ्र प्रसन्न होते हैं।

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    श्रीराम स्तुति

    श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन,

    हरण भवभय दारुणम्।

    नव कंज लोचन, कंज मुख

    कर कंज पद कंजारुणम्॥

    श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन...

    कन्दर्प अगणित अमित छवि,

    नव नील नीरद सुन्दरम्।

    पट पीत मानहुं तड़ित रूचि-शुचि

    नौमि जनक सुतावरम्॥

    श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन...

    भजु दीनबंधु दिनेश दानव

    दैत्य वंश निकन्दनम्।

    रघुनन्द आनन्द कन्द कौशल

    चन्द्र दशरथ नन्द्नम्॥

    श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन...

    सिर मुकुट कुंडल तिलक चारू

    उदारु अंग विभूषणम्।

    आजानुभुज शर चाप-धर,

    संग्राम जित खरदूषणम्॥

    श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन...

    इति वदति तुलसीदास,

    शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।

    मम ह्रदय कंज निवास कुरु,

    कामादि खल दल गंजनम्॥

    श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन...

    मन जाहि राचेऊ मिलहि सो वर

    सहज सुन्दर सांवरो।

    करुणा निधान सुजान शील

    सनेह जानत रावरो॥

    श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन,

    हरण भवभय दारुणम्।

    नव कंज लोचन, कंज मुख

    कर कंज पद कंजारुणम्॥

    तारक मंत्र

    श्री राम, जय राम, जय जय राम !‘श्री राम जय राम जय जय राम’।

    राम राम राम राम नाम तारकम्राम कृष्ण वासुदेव भक्ति मुक्ति दायकम् ॥

    जानकी मनोहरम सर्वलोक नायकम् जानकी मनोहरम सर्वलोक नायकम् ॥

    शङ्करादि सेव्यमान पुण्यनाम कीर्तनम् शङ्करादि सेव्यमान पुण्यनाम कीर्तनम् ॥

    राम राम राम राम नाम तारकम्राम कृष्ण वासुदेव भक्ति मुक्ति दायकम् ॥

    वीरशूर वन्दितं रावणादि नाशकम् वीरशूर वन्दितं रावणादि नाशकम् ॥

    आञ्जनेय जीवनाम राजमन्त्र रुपकम् आञ्जनेय जीवनाम राजमन्त्र रुपकम् ॥

    राम राम राम राम नाम तारकम्राम कृष्ण वासुदेव भक्ति मुक्ति दायकम् ॥

    ध्यान मंत्र

    ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम ,

    लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम ।

    श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे ,

    रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः ।।

    सुख प्राप्ति हेतु मंत्र

    राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।

    सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने ।।

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    डिसक्लेमर-'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'