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    Vinayak Chaturthi 2025: ज्येष्ठ के महीने में कब है विनायक चतुर्थी? यहां जानें गणपति बप्पा की पूजा का शुभ समय

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 12 May 2025 07:18 PM (IST)

    हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन निर्जला एकादशी मनाई जाती है। इससे पहले विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। चतुर्थी तिथि पर गणपति बप्प्पा की पूजा एवं भक्ति की जाती है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है।

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    Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में ज्येष्ठ महीने का खास महत्व है। इस महीने में अपरा एकादशी, गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी समेत कई प्रमुख व्रत- त्योहार मनाए जाते हैं। वहीं, शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के अगले दिन विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

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    धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से सभी प्रकार के शुभ कामों में सफलता मिलती है। साथ ही आय, आयु और सौभाग्य में वृद्धि होती है। ज्योतिष आर्थिक संकटों से मुक्ति पाने के लिए भगवान गणेश की पूजा करने की सलाह देते हैं। आइए, विनायक चतुर्थी की सही डेट और शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vinayaka Chaturthi 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 29 मई को देर रात 11 बजकर 18 मिनट पर ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, 30 मई को रात 09 बजकर 22 मिनट पर चतुर्थी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 30 मई को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी।

    विनायक चतुर्थी शुभ योग (Vinayaka Chaturthi 2025 Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो विनायक चतुर्थी पर दुर्लभ वृद्धि योग का संयोग बन रहा है। वृद्धि योग का संयोग दोपहर 12 बजकर 58 मिनट से हो रहा है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का भी संयोग है। रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 29 मिनट तक है। इस योग में स्नान-दान कर भगवान गणेश की पूजा करने से आरोग्यता का वरदान मिलेगा। साथ ही सकल मनोरथ सिद्ध होंगे।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 24 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 14 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- सुबह 08 बजकर 16 मिनट पर
    • चन्द्रास्त- रात 10 बजकर 50 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 03 मिनट से 04 बजकर 43 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 37 मिनट से 03 बजकर 32 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 12 मिनट से 07 बजकर 33 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।