Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Vinayaka Chaturthi 2023: आषाढ़ मास का अंतिम चतुर्थी व्रत कब? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Sun, 18 Jun 2023 11:41 AM (IST)

    Vinayaka Chaturthi 2023 हिन्दू धर्म में विनायक चतुर्थी व्रत का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विनायक चतुर्थी व्रत के दिन भगवान गणेश की उपासना करने से और दान-धर्म करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती है।

    Hero Image
    Vinayaka Chaturthi 2023 विनायक चतुर्थी व्रत के दिन इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा-पाठ।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Vinayaka Chaturthi 2023 Start Date and Time: आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह व्रत 22 जून 2023, गुरुवार के दिन रखा जाएगा। विनायक चतुर्थी व्रत के दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने का विशेष महत्व है। शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन गणपति जी की पूजा करने से जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं, विनायक चतुर्थी व्रत के दिन पूजा का शुभ समय और महत्व।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आषाढ़ विनायक चतुर्थी व्रत 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त

    वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 21 जून को दोपहर 03:09 पर होगी और इस तिथि का समापन 22 जून को शाम 05:27 पर हो जाएगा। ऐसे में विनायक चतुर्थी व्रत 22 जून 2023 के दिन रखा जाएगा। बता दें कि इस दिन हर्षण योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही इस विशेष दिन पर रवि योग भी बन रहा है।

    • हर्षण योग- 23 जून सुबह 03:32 तक

    • रवि योग- शाम 06:01 से जून 23 सुबह 04:18

    विनायक चतुर्थी व्रत 2023 महत्व

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विनायक चतुर्थी व्रत के दिन भगवान गणेश की उपासना करने से बल, बुद्धि, विद्या, धन एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में साधक को सफलता प्राप्त होती है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के रूप में भी पूजा जाता है, इसलिए विनायक चतुर्थी व्रत के दिन पूजा-पाठ करने से साधक के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

    विनायक चतुर्थी व्रत पूजा विधि

    शास्त्रों में बताया गया है कि आषाढ़ विनायक चतुर्थी व्रत के दिन साधक को सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए और शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। पूजा के समय गणपति जी को सिंदूर, नारियल, दूर्वा, मोदक, कुमकुम, हल्दी इत्यादि अर्पित करें। इसके बाद गणपति जी के मंत्रों का जाप करें व गणेश स्तोत्र अथवा चालीसा का पाठ करें। अंत में आरती जरूर करें इस विशेष दिन पर दान-धर्म का भी बहुत महत्व है।

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।