Vinayak Chaturthi पर करें इस कथा का पाठ, प्राप्त होगा भगवान गणेश का आशीर्वाद
हिंदू धर्म में सभी पर्वों का अपना महत्व है। हर माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विनायक चतुर्थी का व्रत रखने का विधान है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। ऐसे में आपको इस मौके पर भगवान गणेश की पूजा के दौरान उनकी कथा (Vinayak Chaturthi 2024 Katha) का पाठ भी जरूर करना चाहिए क्योंकि इसके बिना गणपत्ति बप्पा का व्रत पूरा नहीं होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। विनायक चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे हिंदू धर्म में भक्तिभाव के साथ मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, विनायक चतुर्थी हर महीने होती है, लेकिन भाद्रपद महीने के दौरान आने वाली चतुर्थी का विशेष महत्व है, क्योंकि यह भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है, जिसे गणेश चतुर्थी भी कहा जाता है। वहीं, मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 05 दिसंबर, 2024 दिन गुरुवार यानी आज मनाई जा रही है।
कहा जाता है कि इस दिन व्रत को करने से संतान से जुड़ी सभी समस्याओं का अंत होता है और जीवन सुखी रहता है। अगर आप इस व्रत (Vinayak Chaturthi 2024 Katha) का पालन कर रहे हैं, तो आपको इस दिन की व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए, क्योंकि तभी यह व्रत पूर्ण रूप से सफल होता है।
विनायक चतुर्थी व्रत कथा (Vinayak Chaturthi 2024 Katha)
विनायक चतुर्थी व्रत कथा के अनुसार, एक बार नदी के तट पर देवी पार्वती भगवान शंकर के साथ बैठी थीं। तभी उन्होंने चौपड़ खेलने की इच्छा प्रकट की, लेकिन उनके अलावा कोई तीसरा नहीं था, जो चौपड़ के खेल के दौरान हार और जीत का निर्णय कर सके। इस स्थिति में भगवान शंकर ने और देवी पार्वती ने एक मिट्टी का बालक बनाया और उसमें प्राण का संचालन किया। ताकि खेल में हार-जीत का सही फैसला हो सके। इसके पश्चात पार्वती माता लगातार तीन से चार बार विजयी हुईं, लेकिन उस मिट्टी के बालक ने शिव जी को विजयी घोषित कर दिया। इससे देवी पार्वती को क्रोध आ गया और उन्होंने उस बालक को लंगड़ा बना दिया। तब बालक को अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने माफी मांगी, लेकिन मां पार्वती ने कहा कि श्राप अब वापस नहीं लिया जा सकता।
इसलिए आप एक उपाय के जरिए इस श्राप से मुक्ति पा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि चतुर्थी के दिन कुछ कन्याएं पूजन के लिए आती हैं, उनसे व्रत और पूजा की विधि पूछना। बालक ने ठीक ऐसा ही किया और उसकी पूजा (Ganesh Chaturthi Katha 2024) से गौरी पुत्र गणेश खुश हो जाते हैं और उसकी जीवन के सभी मुश्किलों का अंत कर देते हैं। इससे बालक अपना जीवन फिर से खुशी-खुशी व्यतीत करने लगता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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