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    Vikat Sankashti Chaturthi 2023: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत आज, जानिए पूजा मुहूर्त और महत्व

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Sun, 09 Apr 2023 08:57 AM (IST)

    Vikat Sankashti Chaturthi 2023 हिन्दू धर्म में संकष्टी चतुर्थी व्रत को बहुत ही महत्वूर्ण माना जाता है। बता दें कि वैशाख मास का पहला चतुर्थी व्रत विकट ...और पढ़ें

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    Vikat Sankashti Chaturthi 2023 इस दिन रखा जाएगा वैशाख मास का पहला चतुर्थी व्रत।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Vikat Sankashti Chaturthi 2023: हिन्दू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास का पहला पहला चतुर्थी व्रत आज यानि 09 अप्रैल को रखा जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन भगवान गणेश की उपासना करने से साधकों को विशेष लाभ मिलता है और जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं और साधकों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

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    विकट संकष्टि चतुर्थी 2023 तिथि (Vikat Sankashti Chaturthi 2023 Date)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का शुभारंभ 09 अप्रैल को सुबह 009 बजकर 35 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन अगले दिन 10 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 37 मिनट पर हो जाएगा। संकष्टी चतुर्थी व्रत का पारण चंद्र देव की पूजा के बाद किया जाता है। ऐसे में यह विकट संकष्टि चतुर्थी व्रत 09 अप्रैल 2023, रविवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन चंद्रोदय का समय रात्रि 009 बजकर 58 मिनट पर है।

    चतुर्थी व्रत पर भद्रा का साया

    पंचांग में बताया गया है कि 09 अप्रैल 2023 के दिन सुबह 06 बजकर 26 मिनट से सुबह 09 बजकर 35 मिनट तक भद्राकाल रहेगा। शास्त्रों में बताया गया है कि भद्राकाल के दौरान मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। लेकिन इस दिन गणेश जी की पूजा पर इस अशुभ समय का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

    विकट संकष्टि चतुर्थी व्रत महत्व (Vikat Sankashti Chaturthi 2023 Importance)

    विकट संकष्टि चतुर्थी व्रत के दिन भगवान गणेश और माता चौथ की पूजा की जाती है। ऐसा करने से संतान के जीवन में आने वाली सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं और वैवाहिक जीवन में बढ़ रहा तनाव भी खत्म हो जाता है। साथ ही उपवास का पालन करने से घर और कारोबार में आ रही समस्याएं भी दूर हो जाती है। मान्यता है कि चतुर्थी व्रत के दिन चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान करने से मानसिक व आत्मिक तनाव दूर हो जाता है। माना यह भी जाता है विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन उपवास रखने से साधक को बल, बुद्धि, आरोग्य और सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।