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    Vijaya Ekadashi 2025: विजया एकादशी पर करें इन वस्तुओं का दान, हो जाएंगे राजा की तरह धनवान

    Updated: Thu, 20 Feb 2025 04:20 PM (IST)

    विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi 2025) तिथि बहुत विशेष होती है। यह हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन लोग भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो साधक इस दिन सच्ची श्रद्धा के साथ उपवास रखते हैं उन्हें सुख और शांति की प्राप्ति होती है।

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    Vijaya Ekadashi 2025: विजया एकादशी के दान।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। विजया एकादशी का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन लोग उपवास रखते हैं और विधिवत नारायण की पूजा करते हैं। यह व्रत हर साल फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इसके साथ ही यह भक्तों की सभी बाधाओं को दूर करने और उनके प्रयासों में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है, तो आइए इस दिन क्या दान (Vijaya Ekadashi 2025 Daan) करना अच्छा होता है? आइए उसके बारे में जानते हैं।

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    विजया एकादशी दान (Donate These Things On Vijaya Ekadashi)

    वस्त्र और धन 

    विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi 2025 Daan) के दिन धन और कपड़े का दान किसी जरूरतमंद व्यक्ति को जरूर करें। कहा जाता है कि इससे व्यक्ति को अपार धन-दौलत का सौभाग्य प्राप्त होता है और सभी रोग-दोष भी दूर होते हैं।

    चावल 

    विजया एकादशी पर चावल या अन्न का दान बहुत ही शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन चावल का दान करने से जीवन की सभी दरिद्रता का नाश होता है। इसके साथ ही माता लक्ष्मी प्रसन्न रहती हैं।

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    तिल 

    इस दिन काले तिल का दान करने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है। इसके साथ ही कुंडली से शनि का बुरा प्रभाव कम होता है।

    विजया एकादशी 2025 डेट और टाइम (Vijaya Ekadashi 2025 Shubh Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 23 फरवरी को दोपहर 01 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 24 फरवरी को दोपहर 01 बजकर 44 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए विजया एकादशी का व्रत 24 फरवरी को रखा जाएगा।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।