Vat Savitri Vrat 2025: वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ पर क्यों बांधा जाता है कच्चा सूत, जानें वजह
सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat 2025) को विशेष महत्वपूर्ण माना गया है। इस शुभ अवसर पर सुहागिन महिलाएं बरगद के पेड़ की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करती हैं। साथ ही निर्जला व्रत किया जाता है। पूजा के दौरान बरगद के पेड़ कच्चा सूत बांधा जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं इसके महत्व के बारे में।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat 2025) किया जाता है। इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं की अखंड सुहाग की प्राप्ति होती है। साथ ही पति-पत्नी के रिश्ते में मधुरता आती है। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। पूजा के दौरान पेड़ पर सुहागिन महिलाएं कच्चा सूत बांधती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कच्चा सूत कितनी बार बांधना चाहिए और क्यों बांधा जाता है। अगर नहीं पता, तो ऐसे में आइए हम आपको बताएंगे इसके बारे में विस्तार से।
वट सावित्री व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Vat Savitri Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 26 मई को 12 बजकर 11 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 27 मई को सुबह 08 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में 26 मई को ( Kab Hai Vat Savitri Vrat 2025) वट सावित्री व्रत किया जाएगा।
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 03 मिनट से 04 बजकर 44 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 36 मिनट से 03 बजकर 31 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 16 मिनट से 07 बजकर 36 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर से 58 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक
बरगद के पेड़ पर कच्चा सूत बांधने का महत्व
वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ की पूजा न करने से व्रत अधूरा माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, वट सावित्री व्रत के शुभ अवसर पर बरगद के पेड़ की पूजा करने से सुहागिन महिलाओं को शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही पति को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
(Pic Credit- Freepik)
इस दिन बरगद के पेड़ की परिक्रमा के दौरान कच्चा सूत बांधना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, वट सावित्री व्रत की पूजा के दौरान बरगद के पेड़ पर सात बार कच्चा सूत बांधने से पति-पत्नी का रिश्ते मजबूत होते हैं। साथ ही वैवाहिक जीवन में आने वाले सभी संकट दूर होते हैं। इसके अलावा पति-पत्नी के रिश्ते सात जन्मों तक बने रहते हैं।
वट सावित्री व्रत के दिन इन बातों का रखें ध्यान
- वट सावित्री व्रत के दौरान किसी के बारे में गलत न सोचे
- किसी से वाद-विवाद न करें।
- काले कपड़े न पहनें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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