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    Vat Savitri Vrat 2025: वट सावित्री उपवास में इन बातों का रखें ध्यान, वरना टूट सकता है व्रत

    Updated: Thu, 17 Apr 2025 12:05 PM (IST)

    वट सावित्री का व्रत बेहद विशेष माना जाता है। इस बार यह उपवास 26 मई को रखा जा रहा है। इस दिन लोग वट वृक्ष की पूजा करते हैं और कठिन उपवास का पालन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन (Vat Savitri Vrat 2025) व्रत रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है तो चलिए इस व्रत से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    Vat Savitri Vrat 2025: वट सावित्री व्रत के नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहार है। यह व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को रखा जाता है। इस साल यह 26 मई, को पड़ेगा। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला उपवास रखती हैं और वट (बरगद) वृक्ष की पूजा करती हैं। सावित्री ने जिस प्रकार अपनी तपस्या और निष्ठा से अपने मृत पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस ले आईं थीं, उसी भावना से यह व्रत किया जाता है।

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    वहीं, इस व्रत के कुछ नियम (Vat Savitri Dos And Don't) बनाए गए हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी है, वरना व्रत टूट सकता है, तो चलिए (Vat Savitri Vrat Niyam 2025) जानते हैं।

    व्रत नियम (Vat Savitri Fast 2025 Rules)

    • वट सावित्री व्रत में ज्यादातर महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं।
    • अगर इस दिन स्वास्थ्य कारणों से निर्जला व्रत रखना संभव न हो, तो फलाहार लिया जा सकता है, लेकिन इसका निर्णय अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही लें।
    • इस व्रत का मुख्य विधान वट वृक्ष की पूजा करना है।
    • सुबह स्नान आदि के बाद साफ कपड़े पहनें और शृंगार करें।
    • वट वृक्ष की विधि-विधान से पूजा करें।
    • पूजा में रोली, मौली, अक्षत, फूल, फल, मिठाई, धूप, दीप और जल का उपयोग करें।
    • वट वृक्ष की जड़ में जल अर्पित करें।
    • फिर, कच्चे सूत या मौली के धागे को वृक्ष के चारों ओर सात बार लपेटते हुए परिक्रमा करें।
    • हर परिक्रमा के बाद सावित्री और सत्यवान की कथा का ध्यान करें।
    • व्रत के दिन दान-पुण्य जरूर करें।
    • अगले दिन सुबह स्नान व पूजा के बाद व्रत खोलें।

    व्रत में इन बातों का रखें ध्यान (Vat Savitri Vrat Me In Baton Ka Rakhen Dhyan)

    • व्रत के दिन क्रोध करने और नकारात्मक विचारों को मन में लाने से बचें।
    • इस दिन सच बोलें और झूठ से दूर रहें।
    • किसी भी व्यक्ति का अपमान न करें और सभी के साथ प्रेम से व्यवहार करें।
    • अगर निर्जला व्रत रख रहे हैं, तो ज्यादा मेहनत करने से बचें, इससे कमजोरी महसूस हो सकती है।
    • इस पूरे दिन शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखें।
    • बिना पूजा किए व्रत का पारण न करें।
    • मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को यह व्रत नहीं रखना चाहिए।
    • इस दिन तामसिक चीजों से परहेज करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।