Varuthini Ekadashi 2025: आज है वरूथिनी एकादशी, जानें पूजा विधि, भोग और मंत्र
वैशाख महीने में आने वाली वरूथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2025) को बहुत फलदायी माना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल यह एकादशी आज यानी 24 अप्रैल 2025 दिन गुरुवार को मनाई जा रही है तो आइए यहां पूजा विधि और अन्य प्रमुख बातों को जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वरूथिनी एकादशी का व्रत बहुत शुभ माना जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है, जो साधक इस व्रत को रखते हैं, उन्हें अक्षय फलों की प्राप्त होती है। माह में दो बार शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में एकादशी आती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल वरूथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2025) 24 अप्रैल, 2025 यानी आज मनाई जा रही है। ऐसा कहा जाता है कि जो साधक इस दिन श्रद्धा के साथ व्रत करते हैं, उन्हें सुख-शांति की प्राप्ति होती है, तो आइए यहां पूजा विधि से लेकर सभी महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।
भोग - पंचामृत, पंजीरी, पीली मिठाई व केसर की खीर।
वरूथिनी एकादशी पूजा विधि (Varuthini Ekadashi 2025 Puja Vidhi )
- सुबह उठें और स्नान करें।
- पूरे घर में गंगाजल छिड़कें।
- एक वेदी लें, उसपर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
- देसी घी का दीपक जलाएं।
- उनका पंचामतृ और गंगाजल से अभिषेक करें।
- फिर उन्हें फूल-माला चढ़ाएं, चंदन का तिलक लगाएं।
- पूजा में तुलसी पत्र जरूर शामिल करें।
- पंचामृत, फल और केसर की खीर व घर पर बना प्रसाद अर्पित करें।
- वरूथिनी एकादशी कथा का पाठ करें और श्री हरि के वैदिक मंत्रों का जाप करें।
- आरती से पूजा को पूरी करें और परिवार के सभी सदस्यों में प्रसाद बांटें।
- इस दिन चावल से परहेज करें।
- अगले दिन विष्णु जी के प्रसाद से पारण करें।
वरूथिनी एकादशी पूजा मुहूर्त (Varuthini Ekadashi 2025 Puja Time)
हिंदू पंचांग के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 19 मिनट से 05 बजकर 03 मिनट तक था। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। ब्रह्म योग दोपहर 03 बजकर 56 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही इंद्र योग का भी शुभ संयोग है। इस दौरान आप पूजा-पाठ कर सकते हैं।
वरूथिनी एकादशी पारण समय (Varuthini Ekadashi 2025 Parana Samay)
वरूथिनी एकादशी का पारण 25 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 46 मिनट से 8 बजकर 23 मिनट के बीच होगा। कहा जाता है कि पारण सदैव भगवान विष्णु के प्रसाद व सात्विक भोजन से करना चाहिए। इससे शुभ फलों की प्राप्ति है।
वरूथिनी एकादशी पूजा मंत्र (Varuthini Ekadashi 2025 Puja Mantra)
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।।
- ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।।
- श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
- ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
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