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    Varalakshmi Vrat 2024: वरलक्ष्मी व्रत पर इस समय करें पूजा, नोट करें विधि और भोग से जुड़ी पूरी जानकारी

    हिंदू धर्म में वरलक्ष्मी व्रत का बहुत अधिक महत्व है। यह दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति और परिवार के अन्य सदस्यों की भलाई व दीर्घायु के लिए यह व्रत रखती हैं। इस शुभ दिन पर अष्ट लक्ष्मी की पूजा करने का भी विधान है तो चलिए इस व्रत की पूजा विधि जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 16 Aug 2024 11:00 AM (IST)
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    Varalakshmi Vrat 2024: वरलक्ष्मी व्रत की पूजा विधि -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वरलक्ष्मी व्रत का हिंदू धर्म में बेहद महत्व है। यह व्रत धन और समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन लोग मां के लिए कठिन व्रत का पालन करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह व्रत सावन माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाएगा। इस साल यह व्रत 16 अगस्त, 2024 को मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन का व्रत रखने से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

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    साथ ही मनचाहा वर प्राप्त होता है, तो आइए इस दिन (Varalakshmi Vrat 2024) की सही पूजा विधि यहां पर जानते हैं, जिससे पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।

    भोग - मखाने की खीर व अखंडित चावल और गुड़ से निर्मित खीर।

    फूल - कमल।

    वरलक्ष्मी व्रत पूजा विधि (Varalakshmi Vrat 2024 Puja Vidhi)

    सुबह जल्दी उठें और पूजा शुरू करने से पहले पवित्र स्नान करें। घर की सफाई करें और पूजा कक्ष में गंगाजल छिड़ककर उसकी शुद्धि करें। एक वेदी स्थापित करें और उसमें मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। मां लक्ष्मी का विधिवत अभिषेक करें और उनका सोलह शृंगार करें। कुमकुम या सिंदूर अर्पित करें और लाल रंग के फूलों की माला चढ़ाएं। अखंडित चावल से भरे कलश की स्थापना करें। फल, घर में बनी मिठाइयां, खीर का भोग लगाएं।

    देसी गाय के घी का दीपक जलाएं। मां लक्ष्मी के विभिन्न वैदिक मंत्रों का जाप करें। लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ और आरती से पूजा का समापन करें। इस दिन कुछ भी तामसिक खाने से बचें। व्रती सात्विक भोजन व फल खा सकते हैं।

    वरलक्ष्मी व्रत पूजा मंत्र (Varalakshmi Vrat 2024 Pujan Mantra)

    • ''ऊँ महालक्ष्म्यै नमो नमः । ऊँ विष्णुप्रियायै नमो नमः ।

      ऊँ धनप्रदायै नमो नमः । ऊँ विश्वजन्नयै नमो नमः'' ।।

    • ''ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:''।।

    वरलक्ष्मी व्रत पूजा मुहूर्त (Varalakshmi Vrat 2024 Puja Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, वृश्चिक लग्न की पूजा दोपहर 12 बजकर 50 मिनट से दोपहर 03 बजकर 08 मिनट तक की जाएगी। वहीं, शाम की पूजा 06 बजकर 55 मिनट से रात 08 बजकर 22 मिनट के बीच होगी।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।