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    Valmiki Jayanti 2023: जानें कब है वाल्मिकी जयंती ? यहां पढ़ें इसका पौराणिक महत्व

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Sat, 28 Oct 2023 09:39 AM (IST)

    Valmiki Jayanti 2023 वाल्मिकी जयंती प्रसिद्ध ऋषि महर्षि वाल्मिकी की जयंती (Valmiki Jayanti) के उपलक्ष्य में मनाई जाती है जिन्होंने पवित्र ग्रंथ रामायण की रचना की थी। ऐसी मान्यता है कि वे भगवान श्री राम के परम भक्त थे। वाल्मिकी जयंती को प्रगट दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

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    Valmiki Jayanti 2023

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Valmiki Jayanti 2023: वाल्मिकी एक महान ऋषि थे, जिनके सम्मान में लोग महर्षि वाल्मिकी जयंती को बड़ी ही श्रद्धा के साथ मनाते हैं। वे ही प्रमुख हिंदू धर्मग्रंथ रामायण के रचयिता थे। इस दिन का हिंदुओं के बीच बड़ा धार्मिक महत्व है। इस साल वाल्मिकी जयंती अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि यानी 28 अक्टूबर 2023 को मनाई जाएगी।

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    वाल्मिकी जयंती महत्व

    वाल्मिकी जयंती प्रसिद्ध ऋषि महर्षि वाल्मिकी की जयंती (Valmiki Jayanti) के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि वे भगवान श्री राम के परम भक्त थे।

    हिंन्दू पौराणिक कथाओं अनुसार, वाल्मिकी ऋषि ही वह व्यक्ति थे, जिन्होंने देवी सीता को तब आश्रय दिया था, जब वो अयोध्या राज्य छोड़कर वन में चली गई थीं। यही नहीं मां ने उन्हीं के आश्रम में लव कुश को जन्म दिया था।

    वाल्मिकी जयंती को प्रगट दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन के माध्यम से लोग उन्हें याद करके उनके द्वारा दिए गए ज्ञान और शिक्षा का आभार व्यक्त करते हैं। वो एक ऐसे महान संत थे, जिन्होंने रामायण के जरिए मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम के बारे में बताया।

    इस तरह से मनाई जाती है वाल्मिकी जयंती

    वाल्मिकी संप्रदाय के लोग वाल्मिकी ऋषि की पूजा करते हैं और उन्हें भगवान का रूप मानते हैं, जो स्थान वाल्मिकी ऋषि को समर्पित है या उनके मंदिरों को फूलों से सजाया जाता है। ऋषि वाल्मिकी को समर्पित सबसे पुराने मंदिरों में से एक चेन्नई के तिरुवन्मियूर में स्थित है। यह मंदिर 1300 साल पुराना माना जाता है।

    ऐसी मान्यता है कि वाल्मिकी ऋषि ने पवित्र ग्रंथ रामायण को समाप्त करने के बाद यहां विश्राम किया था और बाद में उनके शिष्यों ने उस स्थान पर मंदिर का निर्माण किया। साधक इस शुभ दिन के अवसर पर गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन खिलाते हैं। साथ ही लोग इस खास दिन रामायण के मंत्रों और श्लोकों का जाप करते हैं, जिससे भगवान राम की पूर्ण कृपा प्राप्त होती है।

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    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।