Vaishakh Purnima 2025: वैशाख पूर्णिमा पर जरूर करें ये आरती, धन-दौलत से भर जाएगा घर
वैशाख पूर्णिमा को हिंदू धर्म में बहुत फलदायी माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल यह 12 मई यानी आज मनाई जा रही है। यह दिन भगवान बुद्ध के जन्म का प्रतीक है। वहीं इस दिन (Vaishakh Purnima 2025) सत्यनारायण पूजन और तुलसी पूजन का भी खास महत्व है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैशाख पूर्णिमा का दिन बहुत शुभ माना जाता है। इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इस साल वैशाख महीने की पूर्णिमा 12 मई, 2025 यानी आज के दिन मनाई जा रही है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन (Vaishakh Purnima 2025) देवी तुलसी को जल जरूर चढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही उनके सामने घी का दीपक जलाकर उनकी विधिवत आरती करनी चाहिए। कहा जाता है कि इससे जीवन में खुशहाली आती है। साथ ही जीवन के सभी कष्टों का नाश होता है, तो आइए पढ़ते हैं।
।।तुलसी माता की आरती।। (Maa Tulsi Ki Aarti)
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।
मैय्या जय तुलसी माता।।
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥
मैय्या जय तुलसी माता।।
।।हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी।। (Hey Gopal Krishna Karu Aarti Teri)
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी,
तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं,
सांझ सवेरे तेरे गुण गाउँ,
प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी,
हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।
ये माटी का कण है तेरा,
मन और प्राण भी तेरे,
मैं एक गोपी, तुम हो कन्हैया,
तुम हो भगवन मेरे,
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।
ओ कान्हा तेरा रूप अनुपम,
मन को हरता जाए,
मन ये चाहे हर पल अंखिया,
तेरा दर्शन पाये,
दर्श तेरा, प्रेम तेरा, आस है मेरी,
हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी,
तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं,
सांझ सवेरे तेरे गुण गाउँ,
प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी,
हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी।
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