Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Vaishakh Purnima 2024: वैखास पूर्णिमा पर जरूर करें ये एक काम, जीवन की कई समस्याओं से मिलेगा छुटकारा

    सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि को बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है। इस तिथि पर मुख्य रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजन-अर्चन करने का विधान है। कई साधक इस दिन व्रत भी रखते हैं। ऐसे में आप वैशाख माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि पर जीवन में सुख-समृद्धि के लिए इस स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 16 May 2024 10:50 AM (IST)
    Hero Image
    Vaishakh Purnima 2024 वैखास पूर्णिमा पर जरूर करें ये एक काम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vaishakh Purnima 2024 Date: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि पर स्नान-दान करने का विशेष महत्व माना गया है। यदि कोई साधक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवानपूर्वक पूजा करने के बाद श्री कनकधारा स्तोत्र का पाठ करता है, तो उसे जीवन में अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं। साथ ही इससे धन की देवी मां लक्ष्मी जी की विशेष कृपा बनी रहती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Vaishakh Purnima 2024 Muhurat)

    वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि प्रारभ 22 मई 2024 को शाम 05 बजकर 17 मिनट पर हो रहा है। साथ ही इस तिथि का समापन 23 मई 2024 को शाम 05 बजकर 52 मिनट पर होगा। ऐसे में वैशाख पूर्णिमा 23 मई, गुरुवार के दिन मान्य होगी।

    ॥ श्री कनकधारा स्तोत्र ॥

    अङ्ग हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती

    भृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम् ।

    अङ्गीकृताखिलविभूतिरपाङ्गलीला

    माङ्गल्यदास्तु मम मङ्गलदेवतायाः ॥1॥

    मुग्धा मुहुर्विदधती वदने मुरारेः

    प्रेमत्रपाप्रणिहितानि गतागतानि ।

    माला दृशोर्मधुकरीव महोत्पले या

    सा मे श्रियं दिशतु सागरसम्भवायाः ॥2॥

    विश्वामरेन्द्रपदविभ्रमदानदक्ष –

    मानन्दहेतुरधिकं मुरविद्विषोऽपि ।

    ईषन्निषीदतु मयि क्षणमीक्षणार्ध –

    मिन्दीवरोदरसहोदरमिन्दिरायाः ॥3॥

    आमीलिताक्षमधिगम्य मुदा मुकुन्द –

    मानन्दकन्दमनिमेषमनङ्गतन्त्रम् ।

    आकेकरस्थितकनीनिकपक्ष्मनेत्रं

    भूत्यै भवेन्मम भुजङ्गशयाङ्गनायाः ॥4॥

    बाह्वन्तरे मधुजितः श्रितकौस्तुभे या

    हारावलीव हरिनीलमयी विभाति ।

    कामप्रदा भगवतोऽपि कटाक्षमाला

    कल्याणमावहतु मे कमलालयायाः ॥5॥

    कालाम्बुदालिललितोरसि कैटभारे –

    र्धाराधरे स्फुरति या तडिदङ्गनेव ।

    मातुः समस्तजगतां महनीयमूर्ति –

    र्भद्राणि मे दिशतु भार्गवनन्दनायाः ॥6॥

    प्राप्तं पदं प्रथमतः किल यत्प्रभावान्

    माङ्गल्यभाजि मधुमाथिनि मन्मथेन।

    मय्यापतेत्तदिह मन्थरमीक्षणार्धं

    मन्दालसं च मकरालयकन्यकायाः ॥7॥

    दद्याद् दयानुपवनो द्रविणाम्बुधारा –

    मस्मिन्नकिञ्चनविहङ्गशिशौ विषण्णे।

    दुष्कर्मघर्ममपनीय चिराय दूरं

    नारायणप्रणयिनीनयनाम्बुवाहः ॥8॥

    इष्टा विशिष्टमतयोऽपि यया दयार्द्र –

    दृष्ट्या त्रिविष्टपपदं सुलभं लभन्ते।

    दृष्टिः प्रहृष्टकमलोदरदीप्तिरिष्टां

    पुष्टिं कृषीष्ट मम पुष्करविष्टरायाः ॥9॥

    गीर्देवतेति गरुडध्वजसुन्दरीति

    शाकम्भरीति शशिशेखरवल्लभेति।

    सृष्टिस्थितिप्रलयकेलिषु संस्थितायै

    तस्यै नमस्त्रिभुवनैकगुरोस्तरुण्यै ॥10॥

    श्रुत्यै नमोऽस्तु शुभकर्मफलप्रसूत्यै

    रत्यै नमोऽस्तु रमणीयगुणार्णवायै।

    शक्त्यै नमोऽस्तु शतपत्रनिकेतनायै

    पुष्ट्यै नमोऽस्तु पुरुषोत्तमवल्लभायै ॥11॥

    नमोऽस्तु नालीकनिभाननायै

    नमोऽस्तु दुग्धोदधिजन्मभूत्यै।

    नमोऽस्तु सोमामृतसोदरायै

    नमोऽस्तु नारायणवल्लभायै ॥12॥

    सम्पत्कराणि सकलेन्द्रियनन्दनानि

    साम्राज्यदानविभवानि सरोरुहाक्षि।

    त्वद्वन्दनानि दुरिताहरणोद्यतानि

    मामेव मातरनिशं कलयन्तु मान्ये ॥13॥

    यत्कटाक्षसमुपासनाविधिः

    सेवकस्य सकलार्थसम्पदः।

    संतनोति वचनाङ्गमानसै –

    स्त्वां मुरारिहृदयेश्वरीं भजे ॥14॥

    सरसिजनिलये सरोजहस्ते

    धवलतमांशुकगन्धमाल्यशोभे।

    भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे

    त्रिभुवनभूतिकरि प्रसीद मह्यम् ॥15॥

    दिग्घस्तिभिः कनककुम्भमुखावसृष्ट –

    स्वर्वाहिनीविमलचारुजलप्लुताङ्गीम्।

    प्रातर्नमामि जगतां जननीमशेष –

    लोकाधिनाथगृहिणीममृताब्धिपुत्रीम् ॥16॥

    कमले कमलाक्षवल्लभे

    त्वं करुणापूरतरङ्गितैरपाङ्‌गैः।

    अवलोकय मामकिञ्चनानां

    प्रथमं पात्रमकृत्रिमं दयायाः ॥17॥

    स्तुवन्ति ये स्तुतिभिरमूभिरन्वहं

    त्रयीमयीं त्रिभुवनमातरं रमाम्।

    गुणाधिका गुरुतरभाग्यभागिनो

    भवन्ति ते भुवि बुधभाविताशयाः ॥18॥

    यह भी पढे़ं - Vaishakh Purnima 2024: वैशाख पूर्णिमा पर इन चीजों का करें दान, घर में होगा सुख-समृद्धि का आगमन

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।