Vaishakh Month 2025 Date: कब से शुरू होगा वैशाख माह, इन चीजों के दान से धन लाभ के बनेंगे योग
वैशाख (Vaishakh Month 2025) का महीना जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। इस माह में पवित्र नदी में स्नान और दान करने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार वैशाख में श्रीहरि तुलसी और पीपल के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी पापों से छुटकारा मिलता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima 2025) का त्योहार 12 अप्रैल को मनाया जाएगा। इसके अगले दिन से वैशाख माह की शुरुआत होगी। इस माह में भगवान विष्णु की विशेष पूजा करने के विधान है। साथ ही दान करने का अधिक महत्व है। मान्यता के अनुसार, इस माह में पवित्र नदी में स्नान और गरीब लोगों या मंदिर में दान करने से साधक को जीवन में शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं। साथ ही कारोबार में वृद्धि होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कब से शुरू होगा वैशाख माह?
इस दिन से शुरू होगा वैशाख माह 2025 (Vaishakh Month 2025 Start Date)
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 12 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 52 मिनट से होगी। वहीं, 14 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 25 मिनट पर तिथि खत्म होगी। ऐसे में 13 अप्रैल से वैशाख माह की शुरुआत होगी।
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करें इन चीजों का दान
वैशाख माह में भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें। इसके बाद श्रद्धा अनुसार अन्न, धन, वस्त्र और जल का दान करें। मान्यता के अनुसार, वैशाख के महीने में इन चीजों का दान करने से व्यक्ति को जीवन में किसी भी चीज की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है और धन लाभ के योग बनते हैं। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
ऐसे करें महादेव को प्रसन्न
वैशाख माह के महीने में भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। इस माह में सोमवार के दिन स्नान करने के बाद महादेव का विधिपूर्वक रुद्राभिषेक करें। खीर और फल समेत आदि का भोग लगाएं। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से साधक को महादेव की कृपा प्राप्त होती है और सभी ग्रहों से छुटकारा मिलता है।
वैशाख माह में भूलकर भी न करें ये काम
- वैशाख माह भूलकर भी तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- किसी के बारे में गलत न सोचे और न किसी से वाद-विवाद करें।
- पूजा के दौरान काले रंग के कपड़े न पहनें।
- घर में गंदगी न करें, क्योंकि देवी-देवताओं का वास साफ-सफाई वाली जगह पर ही होता है।
पूजा के दौरान करें इस मंत्र का जप
शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥
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