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    Tulsi Vivah 2024: तुलसी विवाह में जरूर शामिल करें ये चीजें, आशीर्वाद बनाएं रखेंगी हरि की पटरानी

    Updated: Thu, 07 Nov 2024 04:19 PM (IST)

    पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर अर्थात देवउठनी एकादशी के एक दिन बाद तुलसी विवाह किए जाने का विधान है। इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप अर्थात शालीग्राम जी से तुलसी का विवाह (Tulsi Vivah Important things) किया जाता है। यही कारण है कि तुलसी माता को हरि की पटरानी भी कहा जाता है।

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    Tulsi Vivah तुलसी विवाह में शामिल करना न भूलें ये चीजें।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। माना जाता है कि यदि पूरे विधि-विधान से तुलसी विवाह किया जाए, तो इससे साधक को सुख-समृद्धि की आशीर्वाद तो मिलता ही है, साथ ही अखंड सौभाग्य की प्राप्ति भी होती है। ऐसे में यदि आप भी तुलसी विवाह अनुष्ठान में भाग ले रहे हैं, तो इन चीजों को लिस्ट में शामिल करना न भूलें, ताकि आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।

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    तुलसी विवाह शुभ मुहूर्त (Tulsi Vivah Puja Muhurat)

    कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 12 नवंबर को दोपहर 04 बजकर 04 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 13 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में तुलसी विवाह बुधवार, 13 नवंबर को किया जाएगा।

    तुलसी विवाह की सामग्री (Tulsi Vivah Samgri list)

    • तुलसी का पौधा, भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर और शालीग्राम जी
    • लाल रंग का वस्त्र, कलश, पूजा की चौकी
    • सुगाह की सामग्री जैसे -बिछुए, सिंदूर, बिंदी, चुनरी, सिंदूर, मेहंदी आदि
    • मूली, शकरकंद, सिंघाड़ा, आंवला, बेर, मूली, सीताफल, अमरुद आदि
    • केले के पत्ते, हल्दी की गांठ
    • नारियल, कपूर, धूप, चंदन

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    किस तरह किया जाता है पूजन (Tulsi Vivah Rituals 2024)

    तुलसी विवाह अनुष्ठान में सबसे पहले केले के पत्तों और गन्‍ने से मंडप तैयार किया जाता है। रंगोली बनाकर पूजा स्थल को सजाया जाता है। साथ ही मां तुलसी को सुहाग की सामग्री जैसे बिछुए, सिंदूर, बिंदी, सिंदूर और सिंदूर आदि अर्पित की जाती हैं। ऐसा करने से साधक के वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है। साथ ही तुलसी पूजा में गन्ना, अनार, केला, सिंघाड़ा, मूली आदि अर्पित किए जाते हैं और घी के 11 दीपक जलाएं जाते हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।