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Tulsi Vivah 2023: इस दिन होगा तुलसी विवाह, जानें इसका धार्मिक महत्व और लाभ

Tulsi Vivah 2023 हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का बड़ा धार्मिक महत्व है। इस विशेष दिन पर लोग हर साल तुलसी विवाह का आयोजन करते हैं। यह पर्व वृन्दावन मथुरा और नाथद्वारा में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस विवाह (Tulsi Vivah 2023) समारोह को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रमुख स्थानों पर जाते हैं।

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediPublished: Mon, 20 Nov 2023 01:55 PM (IST)Updated: Mon, 20 Nov 2023 01:55 PM (IST)
Tulsi Vivah 2023: इस दिन होगा तुलसी विवाह

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Tulsi Vivah 2023: तुलसी विवाह हिंदुओं में काफी महत्वपूर्ण माना गया है। इस शुभ दिन पर शालिग्राम के रूप में भगवान विष्णु और देवी तुलसी का विवाह हुआ था। यह पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल तुलसी विवाह का आयोजन 24 नवंबर 2023 को किया जाएगा। इस दिन को भक्त बड़े ही समर्पण के साथ मनाते हैं।

तुलसी विवाह समय

द्वादशी तिथि प्रारंभ - 23 नवंबर 2023 - रात्रि 09:01

द्वादशी तिथि समाप्त - 24 नवंबर, 2023 - सुबह 07:06

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मां तुलसी का पूजा मंत्र

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

भगवान विष्णु का मंत्र

ॐ नमोः नारायणाय नमः

ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः

तुलसी विवाह का महत्व

सनातन धर्म में तुलसी विवाह का बड़ा धार्मिक महत्व है। इस विशेष दिन हर साल तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है। सभी भगवान कृष्ण मंदिरों को फूलों और रोशनी से सजाया जाता है। साथ ही देवी तुलसी के पौधे का 16 श्रृंगार किया जाता है।इसके बाद मंत्रों के उच्चारण के साथ भगवान विष्णु के शालीग्राम रूप का विवाह मां तुलसी से कराया जाता है। यह पर्व वृन्दावन, मथुरा और नाथद्वारा में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस विवाह समारोह को देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्त प्रमुख स्थानों पर जाते हैं।

यह दिव्य त्योहार ब्रह्मांड के संतुलन को बनाए रखता है।भक्त अपने जीवन में पवित्रता, भक्ति और समृद्धि विकसित करने की आशा में इस पवित्र अनुष्ठान में भाग लेकर देवी तुलसी और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस शुभ दिन पर जो साधक व्रत रखते हैं और श्री कृष्ण की पूजा मां तुलसी के साथ करते हैं, उनकी सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।

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डिसक्लेमर- 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देंश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।


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