Tulsi Puja: अशुभ संकेत देता है तुलसी का सूखना, इस तरीके से करें इसकी देखभाल
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस घर में हरा-भरा तुलसी का पौधा पाया जाता है वहां देवी लक्ष्मी की कृपा परिवाजनों पर बनी रहती है। जिससे साधक को धन की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। वहीं इसके विपरीत यदि तुलसी सूख जाए तो इसके नकारात्मक परिणाम भी मिलने लगते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं तुलसी के रखरखाव के उपाय।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में तुलसी को अन्य देवी-देवताओं की तरह ही पूजा जाता है। लगभग प्रत्येक हिंदू घर में तुलसी का पौधा पाया जाता है। तुलसी का संबंध मां लक्ष्मी से माना जाता है। इसलिए आप इसकी जितनी देखभाल करेंगे, आपको उतने ही शुभ परिणाम भी प्राप्त होंगे। ऐसे में यदि आपके घर में लगी तुलसी अचानक सूख जाए, तो इसे नजरअंदाज न करें, यह आपके लिए एक संकेत हो सकती है।
मिलते हैं ये संकेत
ठंड के मौसम में आमतौर पर तुलसी का पौधा सूख जाता है। लेकिन अगर यह अचानक, बिना किसी वजह के सूख जाए, तो यह एक शुभ संकेत नहीं माना जाता। यह आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा व्याप्त होने का संकेत हो सकता है। इसका अर्थ है कि आपके जीवन में कई परेशानियां आने वाली हैं। आपको धन की हानि का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इससे बचाव के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं।
करें ये काम
तुलसी के पौधे के सूख जाने के बाद उसे घर में न रखें, वरना आपको नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। इसलिए सूखे हुए पौधे को किसी नदी में प्रवाहित कर दें। इसी के साथ तुलसी का नया पौधा घर में लगा लेना चाहिए। ऐसा करने से आप इससे मिलने वाले अशुभ परिणामों से बच सकते हैं।
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इस तरह रखें ध्यान
सर्दी के मौसम में तुलसी का खास ख्याल रखना चाहिए। इसलिए लिए आप तुलसी पर लाल कपड़ा या अन्य कोई कपड़ा ढक सकते हैं, जिससे तुलसी का सर्दी से बचाव हो सके। इसी के साथ तुलसी में ज्यादा और ठंडा पानी देने से भी बचना चाहिए। वहीं गुरुवार के दिन आप तुलसी की जड़ों में थोड़ा-सा कच्चा दूध भी अर्पित कर सकते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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