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    Tulsi Mala Ke Niyam: किस दिन धारण करें तुलसी माला, भूल से भी न करें ये गलतियां

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 04:09 PM (IST)

    तुलसी माला हिंदू धर्म में काफी पवित्र मानी गई है जिसे धारण करने से कई आध्यात्मिक और शारीरिक लाभ मिलते हैं। इसे धारण करने के लिए कुछ नियम भी बताए गए हैं जिनका पालन करने पर भी आपको इसका पूर्ण लाभ मिल सकता है। चलिए जानते हैं इस बारे में।

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    Tulsi Mala pehne ke niyam in hindi

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। न केवल तुलसी के पौधे का बल्कि तुलसी माला का भी हिंदू धर्म में काफी महत्व माना गया है। तुलसी की लकड़ी से तुलसी माला बनाई जाती है, जिसे धारण करने के कई नियम भी हैं। ऐसे में अगर आप भी तुलसी माला धारण करने का मन बना रहे हैं, तो इससे पहले कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें।

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    मिलते हैं ये अद्भुत लाभ

    अगर आप नियमानुसार तुलसी की माला को धारण करते हैं, तो इससे आपका आध्यात्मिक विकास हो सकता है। इसके साथ ही तुलसी, प्रभु श्रीहरि को अति प्रिय है। मन शांत रहता है और नकारात्मकता आपसे दूर बनी रहती है। ऐसे में तुलसी माला धारण करने वाले साधक पर भगवान विष्णु की भी कृपा बनी रहती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है।

    किन बातों का रखना है ध्यान

    तुलसी की माला धारण करने वाले व्यक्ति के लिए यह जरूरी है कि वह इसकी पवित्रता को बनाए रखे। ऐसे में अपनी व माला की शुद्धता व सफाई का पूरा ध्यान रखें। तुलसी माला धारण करने का जो सबसे जरूरी नियम है, वह यह है कि उस व्यक्ति को मांसाहारी भोजन और शराब आदि से दूर रहना चाहिए, जो इस माला को धारण कर रहा है। अगर आप किसी वजह से माला को उतार रहे हैं, तो इसे दोबारा धारण करने से पहले इसे साफ पानी या गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए।

    इस दिन करें धारण

    तुलसी माला धारण करने के लिए सोमवार, गुरुवार या फिर बुधवार का दिन सबसे उत्तम माना गया है। वहीं अगर समय की बात करें, तो आप इसे प्रदोष काल में धारण कर सकते हैं। लेकिन रविवार या अमावस्या के दिन तुलसी की माला धारण नहीं करनी चाहिए। इसके साथ ही जब भी आप तुलसी माला धारण करें, तो इससे पहले स्नान आदि के बाद भगवान विष्णु के मंत्रों का जप जरूर करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।