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Tuesday Motivational Thoughts: आप कैसे रह सकते हैं खुश? जानें दुनिया के महान लोगों से उनके विचार

Tuesday Motivational Thoughts कोरोना महामारी की इस घड़ी में जागरण आध्यात्म में हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि आप तक सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज लेख पहुंचाते रहें। दुनिया के महान लोगों के कोट्स के जरिए सकारात्मकता आप तक पहुंचती रहे।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 08:09 AM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 08:09 AM (IST)
Tuesday Motivational Thoughts: आप कैसे रह सकते हैं खुश? जानें दुनिया के महान लोगों से उनके विचार
आज कुछ खास लोगों के प्रसन्नता, सुख पर खास कोट्स आप तक पहुंचा रहे हैं।

 Tuesday Motivational Thoughts: कोरोना का कोहराम जारी है। पूरे देश में ही अब यह विस्फोटक रूप से फैल रहा है। जहां लॉकडाउन के शुरू होते ही घरों में कैद हुए लोगों में नकारात्मकता बढ़ रही थी, वहीं अब इस अनलॉक के पीरियड में भी कम होने का नाम नहीं ले रही है। कारण है कोरोना का एकदम से बढ़ते चले जाना और कोई राहत नहीं मिल पाना। जागरण आध्यात्म में हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि आप तक सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज लेख पहुंचाते रहें। दुनिया के महान लोगों के कोट्स के जरिए सकारात्मकता आप तक पहुंचती रहे। इसी कोशिश में आज कुछ खास लोगों के प्रसन्नता, सुख पर खास कोट्स आप तक पहुंचा रहे हैं।

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‘कार्य में लीन रहने से ही मन को प्रसन्नता मिलती है। मैं एक ऐसे व्यक्ति को जानता हूं जो एक श्मशान यात्रा से हर्षमस्त लौटा, केवल इस कारण कि उसका प्रबंध उसके अधीन न था।’ ये पंक्तियां बिशप होर्न की कही हुई हैं। सार ये है कि जीवन में मन को प्रसन्न रखें, चाहे कैसी भी परिस्थिति हो।

रघुवीर शरण मिश्र कहते हैं- अपनी प्रशंसा सुनकर, जो वास्तविकता को भूल जाते हैं, वे मूर्ख हैं। अपनी निंदा को सुनकर मनुष्य अपने आपको संभालता है और प्रशंसा सुनकर स्वयं को खो देता है, प्रशंसा सुनकर प्रसन्न होना एक बड़ा अवगुण है।

लार्ड लिटर का कहना है कि यदि विश्व में कोई ऐसा सद्गुण है, जिसकी प्राप्ति सदैव हमारा लक्ष्य होनी चाहिए, तो वह मन की प्रसन्नता है।

एडीसन के शब्दों को समझें, तो वो कहते हैं कि प्रसन्नता परम स्वास्थ्यवर्द्धक है, देह और मन दोनों के लिए मित्र तुल्य है।

स्वामी विवेकानद के कथन पर भी नजर डालते हैं। उनका कहना था कि प्रसन्नता अनमोल खजाना है। छोटी छोटी बातों में उसे लुटने न दें।

बर्नार्ड शॉ का मानना था कि हंसी मनुष्य के लिए सबसे बड़ा वरदान है, क्योंकि जीव जगत में सिर्फ आदमी ही हंस सकता है।


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