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    Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि के दूसरे दिन 'प्रीति' योग समेत बन रहे हैं ये 3 संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 15 Oct 2023 02:05 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से साधक को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही मां की कृपा से सभी दुख और संताप दूर हो जाते हैं। साधक श्रद्धा भाव से जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो नवरात्रि के दूसरे दिन प्रीति योग समेत कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं।

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    नवरात्रि के दूसरे दिन बन रहे हैं ये 3 अद्भुत संयोग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत उपवास रखा जाता है। धार्मिक मत है कि नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से साधक को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही मां की कृपा से सभी दुख और संताप दूर हो जाते हैं। साधक श्रद्धा भाव से जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो नवरात्रि के दूसरे दिन प्रीति योग समेत कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योग में मां की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। आइए, नवरात्रि के दूसरे दिन बनने वाले शुभ योग और मुहूर्त जानते हैं-

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    शुभ मुहूर्त

    पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की द्वितीया तिथि 17 अक्टूबर को देर रात 01 बजकर 13 मिनट तक है। इसके पश्चात, तृतीया तिथि प्रारंभ होगी। आसान शब्दों में कहें तो 16 अक्टूबर को पूरे दिन द्वितीया तिथि है।

    प्रीति योग

    शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन दुर्लभ प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण 17 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 22 मिनट तक है। इस योग में माता रानी की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख, समृद्धि और आय में वृद्धि होती है।

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    करण

    शारदीय नवरात्रि की द्वितीया तिथि पर बालव और कौलव करण का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष कौलव और बालव कर्ण को अति शुभ मानते हैं। इन योग में पूजा करने से मां का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 22 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 17 बजकर 51 मिनट पर

    पंचांग

    ब्रह्म मुहूर्त - 04 बजकर 42 मिनट से 05 बजकर 32 मिनट तक

    अभिजीत मुहूर्त - 11 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 01 मिनट से 02 बजकर 47 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 51 मिनट से 06 बजकर 16 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक

    अशुभ समय

    राहु काल - सुबह 07 बजकर 48 मिनट से 09 बजकर 14 मिनट तक

    गुलिक काल - दोपहर 01 बजकर 33 मिनट से 02 बजकर 59 मिनट तक

    दिशा शूल - पूर्व

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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