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    Pitru Paksha 2023: अष्टमी तिथि पर 'सर्वार्थ सिद्धि योग' समेत बन रहे हैं ये 3 संयोग, इन 3 राशियों को मिलेगा लाभ

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 05 Oct 2023 12:59 PM (IST)

    Pitru Paksha 2023 अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 07 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 08 मिनट तक है। इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। अश्विन माह के कृ ...और पढ़ें

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    Pitru Paksha 2023: अष्टमी तिथि पर 'सर्वार्थ सिद्धि योग' समेत बन रहे हैं ये 3 संयोग, इन 3 राशियों को मिलेगा लाभ

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Pitru Paksha 2023: सनातन पंचांग के अनुसार, 6 अक्टूबर को पितृ पक्ष की अष्टमी तिथि है। इस दिन कालाष्टमी, बिहार का प्रसिद्ध पर्व जितिया और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी भी है। अतः पितृ पक्ष की अष्टमी तिथि पर एक साथ कई शुभ योग बन रहे हैं। ज्योतिषियों की मानें तो पितृ पक्ष की अष्टमी तिथि पर 'सर्वार्थ सिद्धि योग' बन रहा है। साथ ही कई दुर्लभ संयोग भी पितृ पक्ष की अष्टमी तिथि पर बन रहे हैं। इससे 3 राशि के जातकों को करियर और कारोबार में लाभ मिलेगा। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

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    शुभ मुहूर्त

    अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 07 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 08 मिनट तक है। इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया व्रत मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं। साथ ही वैष्णव समाज के लोग जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करते हैं।

    सर्वार्थ सिद्धि योग

    पितृ पक्ष की अष्टमी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण संध्याकाल 09 बजकर 32 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 06 बजकर 17 मिनट तक है।

    शिव योग

    पितृ पक्ष की अष्टमी तिथि पर दुर्लभ शिव योग का निर्माण हो रहा है। शिव योग का निर्माण दिन भर है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से व्रती को अमोघ फल की प्राप्ति होती है।

    करण

    आश्विन माह में अष्टमी तिथि पर संध्याकाल 07 बजकर 17 मिनट तक बालव करण का निर्माण हो रहा है। इसके पश्चात, कौलव करण रात्रि भर है। बालव और कौलव करण शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।

    रुद्राभिषेक

    पितृ पक्ष की अष्टमी तिथि यानी कालाष्टमी पर किसी समय रुद्राभिषेक कर सकते हैं। इस दिन भगवान शिव माता पार्वती के साथ रहेंगे। इस दौरान रुद्राभिषेक करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है।

    शुभ मुहूर्त

    आश्विन माह की अष्टमी तिथि 06 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 34 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 07 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी।

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 16 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 02 मिनट पर

    पंचांग

    ब्रह्म मुहूर्त - 04 बजकर 39 मिनट से 05 बजकर 27 मिनट तक

    अमृत काल - सुबह 10 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक

    अभिजीत मुहूर्त - 11 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से 02 बजकर 54 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 02 मिनट से 06 बजकर 26 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक

    अशुभ समय

    राहुकाल - सुबह 10 बजकर 41 मिनट से 09 बजकर 12 मिनट तक

    गुलिक काल - दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से दोपहर 12 बजकर 09 मिनट तक

    दिशा शूल - पश्चिम

    इन राशियों को प्राप्त होगा सर्वाधिक लाभ

    पितृ पक्ष की अष्टमी तिथि पर दुर्लभ शिव योग का निर्माण हो रहा है। कर्क, मकर और कुंभ राशि के जातकों के आराध्य भगवान शिव हैं। अतः इन तीनों राशि के जातकों पर भगवान शिव की विशेष कृपा बरसेगी। अगर आप आय और सौभाग्य में वृद्धि पाना चाहते हैं, तो पितृ पक्ष की अष्टमी तिथि पर काले तिल मिश्रित गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें।

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।