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    इस में छुपा है आपकी हर परेशानी का हल

    By Preeti jhaEdited By:
    Updated: Fri, 05 Feb 2016 12:42 PM (IST)

    श्रीमद- भगवद् गीता दुनिया के उन चंद ग्रंथों में शुमार है, जो आज भी सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे हैं। हिंदुओं में सर्वोच्च माने जाने के साथ ही तमाम विदेशी ...और पढ़ें

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    श्रीमद- भगवद् गीता दुनिया के उन चंद ग्रंथों में शुमार है, जो आज भी सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे हैं। हिंदुओं में सर्वोच्च माने जाने के साथ ही तमाम विदेशी ज्ञानपरक शोधों में इसका महत्व देखा गया है और जीवन के हर पहलू को गीता से जोड़कर व्याख्या की जा रही है। इसके 18 अध्यायों के करीब 700 श्लोकों में हर उस समस्या का समाधान है जो कभी ना कभी हर इंसान के सामने आती हैं।

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    गीता के कुछ चुनिंदा प्रबंधन सूत्र। जो इस प्रकार हैं –

    1- श्लोक

    कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।

    मा कर्मफलहेतु र्भूर्मा ते संगोस्त्वकर्मणि ।।

    :

    अर्थ- भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि हे अर्जुन। कर्म करने में तेरा अधिकार है। उसके फलों के विषय में मत सोच। इसलिए तू कर्मों के फल का हेतु मत हो और कर्म न करने के विषय में भी तू आग्रह न कर।

    :

    लाइफ मैनेजमेंट सूत्र (भाव ) – भगवान श्रीकृष्ण इस श्लोक के माध्यम से अर्जुन से कहना चाहते हैं कि मनुष्य को बिना फल की इच्छा से अपने कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा व ईमानदारी से करना चाहिए। यदि कर्म करते समय फल की इच्छा मन में होगी तो आप पूर्ण निष्ठा से साथ वह कर्म नहीं कर पाओगे। निष्काम कर्म ही सर्वश्रेष्ठ परिणाम देता है। इसलिए बिना किसी फल की इच्छा से मन लगाकर अपना काम करते रहो। फल देना, न देना व कितना देना ये सभी बातें परमात्मा पर छोड़ दो क्योंकि परमात्मा ही सभी का पालनकर्ता है।