Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    देश का एकमात्र तक्षक नाग मंदिर

    By Preeti jhaEdited By:
    Updated: Wed, 19 Aug 2015 10:34 AM (IST)

    श्रावण शुक्ल पंचमी पर जिलेभर में नाग देवता का पूजन होगा। नाग को निमाड़वासी अपना रक्षक मानते हैं इसलिए खेत, खलिहान, गांव, शहर आदि स्थानों पर इनकी स्थापना

    खरगोन। श्रावण शुक्ल पंचमी पर जिलेभर में नाग देवता का पूजन होगा। नाग को निमाड़वासी अपना रक्षक मानते हैं इसलिए खेत, खलिहान, गांव, शहर आदि स्थानों पर इनकी स्थापना की गई है। जिले में ही एक पौराणिक नाग मंदिर भी है। तक्षक नाग का यह मंदिर देश में एकमात्र होकर पौराणिक व धार्मिक महत्व भी रखता है। यहां पर्व विशेष के अतिरिक्त वर्षभर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    खंडवा रोड पर स्थित ग्राम बिलाली से कुछ ही दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत दसनावल में यह अतिप्राचीन मंदिर है। जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर दसनावल में आज भी वट वृक्ष मौजूद है जिसके साथ मान्यता जुड़ी है। इसी के पास तक्षक नाग के मंदिर में श्रद्घालुओं का तांता लगा रहता है। यहां के पुजारी घनश्याम भारद्वाज ने बताया कि यही वह स्थल है जहां तक्षक नाग ने धनवंतरी को डसा था। नाग ने यह उस चमत्कार के बाद किया जब यहां मौजूद एक वृक्ष को फूंफकार कर सुखा दिया गया था। इस सूखे प़ेड को ऋषि धनवंतरी ने पुनः हरा भरा कर दिया था। तक्षक नाग को आशंका थी कि वे राजा परीक्षित को पुनः जीवित कर सकते है। इस दौरान उनकी दो शिष्या सगुरा व भगुरा को भी भ्रम में रखकर तीर्थजल नहीं लाने दिया। तत्पश्चात तक्षक नाग ने ना केवल परीक्षित को डसा बल्कि सात दिनों बाद उनकी मृत्यु हुई थी।

    उल्लेखनीय है कि शमिक ऋषि पर तपस्या के दौरान राजा परीक्षित ने उनके गले में मृत सर्प डाल दिया था। इस कृत्य से क्रोधित शमिक ऋषि के पुत्र श्रृंगी ऋषि ने राजा परीक्षित को श्राप दिया था कि उन्हें सातवें दिन तक्षक नाग डसेगा।

    समरसता के प्रतीक है भीलटदेव जिले में लगभग साढ़े 3 हजार भीलटदेव व नाग मंदिर हैं। प्रमुख मंदिरों में से एक बीटीआई रोड स्थित मोठा भीलट मंदिर है। यहां समरसता देखी जा सकती है। कई वर्षों से यहां दलित परिवार इस मंदिर की देखभाल कर रहा है। वर्तमान में देखभाल करने वाली गंगाबाई को फख्र है कि उनकी कई पीढ़ियों ने इस मंदिर की सेवा की। अभी भी श्रद्घालुओं की आस्था इस मंदिर पर है। वे चाहती हैं कि इस मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्घालुओं की मनोकामना पूरी हो।

    comedy show banner
    comedy show banner