Swastik Sign: क्यों स्वास्तिक चिन्ह को माना जाता है अत्यंत शुभ? यहां जानिए कारण
Swastik Sign दिवाली के दिन सभी हिन्दू घरों में मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाने की परम्परा प्राचीन काल से चली आ रही है। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से जीवन में सकारात्मकता आती है और दुःख दर्द दूर हो जाते हैं।

नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Swastik Sign, Diwali 2022: सनातन संस्कृति में स्वास्तिक चिन्ह को बहतु महत्वपूर्ण माना जाता है। किसी भी बड़े अनुष्ठान या हवन से पहले स्वास्तिक चिन्ह निश्चितरूप से बनाया जाता है। यह चिन्ह न केवल शुभता का प्रतीक है बल्कि इसे बनाने से घर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता। साथ ही इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। दिवाली (Diwali 2022) के दिन स्वास्तिक चिन्ह बनाने से व्यक्ति को बहुत लाभ प्राप्त होता है। मान्यताओं के अनुसार घर के मुख्या द्वार पर स्वास्तिक चिन्ह बनाने से व्यक्ति के जीवन में और परिवार सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही सभी मांगलिक कार्य सिद्ध होते हैं। आइए जानते हैं क्यों स्वास्तिक चिन्ह को माना जाता है अत्यंत शुभ।
ये है स्वास्तिक चिन्ह का अर्थ (Swastik Sign Meaning)
स्वास्तिक शब्द तीन भिन्न शब्दों के मेल से बना है। 'सु' का अर्थ शुभ है, 'अस' अर्थात अस्तित्व और 'क' का मतलब है कर्ता। इसलिए इस शब्द का पूरा अर्थ है मंगल करने वाला। शास्त्रों में इसे भगवान श्री गणेश का प्रतीक माना जाता है। इसलिए पूजा में जिस तरह इन्हें सबसे पहले पूजा जाता है उसी तरह स्वस्तिक को मंगल कार्य शुरू करने से पहले बनाया जाता है।
स्वास्तिक चिन्ह का महत्व (Swastik Sign Importance)
ज्योतिष शास्त्र में स्वास्तिक चिन्ह के कई फायदे बताए गए हैं। ज्योतिष के अनुसार दिवाली के दिन स्वास्तिक चिन्ह को तिजोरी पर बनाने से धन की कमी दूर हो जाती है और तिजोरी कभी खाली नहीं रहती है। इसके जो लोग नौकरी या व्यापार में घाटा अनुभव कर रहे हैं उन्हें शान कोण में लगातार सात गुरुवार सूखी हल्दी से स्वास्तिक का चिन्ह बनाना चाहिए। इससे उन्हें सफलता प्राप्त होगी। वास्तु में भी इसके महत्व के विषय में विस्तार से बताया गया है।
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