Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Swami Vivekananda Jayanti 2024: आज मनाई जा रही है स्वामी विवेकानंद की 161वीं जयंती, जानें उनके जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Fri, 12 Jan 2024 09:20 AM (IST)

    Swami Vivekananda Jayanti 2024 आज स्वामी विवेकानंद की 161वीं जयंती है। वो समाज के सुधार के लिए शिक्षा की शक्ति में विश्वास करते थे और चरित्र-निर्माण और मूल्य-आधारित शिक्षा के महत्व पर जोर देते थे। अपने भाषणों और लेखों के माध्यम से उन्होंने अनगिनत लोगों को प्रेरित किया और भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को दुनिया भर में पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    Hero Image
    Swami Vivekananda Jayanti 2024: स्वामी विवेकानन्द से जुड़ी बातें

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली।Swami Vivekananda Jayanti 2024: स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन का हर क्षण देश के लिए समर्पित कर दिया। उनका पूरा जीवन हर किसी के लिए एक मिशाल की तरह है। हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है, जो स्वामी विवेकानन्द की जयंती का प्रतीक है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत सरकार ने 1984 में आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय युवा दिवस घोषित किया और 1985 से युवाओं को स्वामी विवेकानन्द की शिक्षाओं और दर्शन से प्रेरित करने के लिए इसे देश भर में मनाया जाता है।

    स्वामी विवेकानन्द जयंती का महत्व

    स्वामी विवेकानन्द जयंती सिर्फ स्मरण का दिन नहीं बल्कि युवाओं के सक्रिय रहने का दिन है। इस दिन पूरे देश के स्कूल और कॉलेज में स्वामी विवेकानन्द पर भाषण, पाठ, संगीत, गीत, सम्मेलन, योग आसन, निबंध-लेखन प्रतियोगिताएं, सेमिनार, खेल और अन्य महत्वपूर्ण कार्य आयोजित किए जाते हैं।

    छात्र अपने साथियों को प्रेरित और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से स्वामी विवेकानन्द के विचारों से संबंधित व्याख्यानों और लेखों में सक्रिय रूप से संलग्न रहते हैं।

    स्वामी विवेकानन्द से जुड़ी बातें

    स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता में हुआ था। वे एक प्रमुख आध्यात्मिक नेता, समाज सुधारक और रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे। उनकी शिक्षाओं ने सार्वभौमिक अवधारणाओं पर जोर दिया और जिसका असर दुनिया भर के लोगों पर पड़ा था। 1893 शिकागो में जब उन्होंने विश्व धर्म संसद में हिंदू धर्म और भारतीय आध्यात्मिकता पर भाषण दिया था, तो लोगों के बीच वे व्यापक रूप से प्रसिद्ध हो गए थे।

    स्वामी विवेकानन्द का ज्ञान आत्म-विश्वास, आध्यात्मिकता और सभी मनुष्यों की एकता पर केंद्रित था। वो समाज के सुधार के लिए शिक्षा की शक्ति में विश्वास करते थे और चरित्र-निर्माण और मूल्य-आधारित शिक्षा के महत्व पर जोर देते थे। अपने भाषणों और लेखों के माध्यम से, उन्होंने अनगिनत लोगों को प्रेरित किया और भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को दुनिया भर में पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    यह भी पढ़ें: Laxmi Puja: माता लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न, मिलेगा भौतिक सुखों का वरदान

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'