सनातन परंपरा में दीक्षित यूरोप के भक्तों सहित इंटरनेशनल वेदांत सोसाइटी के स्वामी प्रबुद्धानंद पूरी महाराज का काशी में आगमन
इंटरनेशनल वेदांत सोसाइटी के स्वामी प्रबुद्धानंद पुरी महाराज, सनातन परंपरा में दीक्षित यूरोप के भक्तों के साथ काशी पहुंचे। उनके आगमन से भक्तों में उत्साह है। स्वामी जी सनातन धर्म के प्रचार में सक्रिय हैं और यूरोपीय भक्तों का भारतीय संस्कृति से जुड़ाव बढ़ रहा है। वेदांत सोसाइटी वेदांत दर्शन के प्रचार में योगदान दे रही है।

स्वामीजी लगभग 15 विदेशी भक्तों के साथ काशी पहुंचे।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। सनातन धर्म, संस्कृति और इसके महान आदर्शों को वैश्विक स्तर पर फैलाने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय वेदांत सोसाइटी के महासचिव स्वामी प्रबुद्धानंदपुरी महाराज ने पिछले 10-20 वर्षों में यूरोप के विभिन्न देशों जैसे स्पेन, हॉलैंड, इंग्लैंड, इंडोनेशिया, हांगकांग और भारत के विभिन्न प्रांतों में सत्संग का आयोजन किया है।
स्वामीजी भागवत गीता, वेदांत, उपनिषद और सनातन धर्म की शिक्षाओं के माध्यम से भगवान के सत्य और प्रेम का संदेश मानवता तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।
बुधवार को (, स्वामीजी लगभग 15 विदेशी भक्तों के साथ काशी पहुंचे। बाबातपुर हवाई अड्डे पर उनका स्वागत वैदिक मंत्रोच्चार और शंख ध्वनि के साथ किया गया। ये भक्त 12 दिनों तक सत्संग, काशी और बाबा विश्वनाथ के दर्शन तथा पूजन में भाग लेंगे। दीपावली के अवसर पर एक विदेशी भक्त आश्रम में ब्रह्मचर्य दीक्षा भी लेंगे।
हाल ही में नवरात्रि के दौरान, स्वामी प्रबुद्धानंदजी के नेतृत्व में 30 भक्तों के एक बड़े समूह ने सनातन परंपरा में दीक्षा ली। स्वामीजी और आईवीएस के माध्यम से 'श्री भगवान' की असीम कृपा मानवता पर बरस रही है। ईश्वर की जीवंत प्रकाश ही है जो विश्वभर से भक्तों को आकर्षित कर रहा है। यहां से जुड़े लोग ध्यान, भक्ति, सेवा और वेदों, उपनिषदों के ज्ञान के माध्यम से श्री भगवान की कृपा एवं नए जीवन का अनुभव कर रहे हैं।
हॉलैंड में नवरात्रि दुर्गा पूजा 2025 का आयोजन बड़े उत्साह और भक्ति के साथ किया गया। नौ दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा, प्रार्थना, दुर्गा सप्तशती का पाठ और आरती की गई। सैकड़ों भक्तों ने इस दिव्य वातावरण का आनंद लिया। स्वामी प्रबुद्धानंदजी के माध्यम से 30 भक्तों ने सनातन परंपरा में दीक्षा ली, जिससे उनकी आध्यात्मिक यात्रा को एक नई दिशा मिली।
आई वी एस की ओर से काशीवासियों से अपील की गई है कि वे इस मुहिम में अपना सहयोग दें। काशी के भक्तों के लिए यह आवश्यक है कि वे अपने समय, श्रम और शक्ति से इस महान कार्य को आगे बढ़ाएं। यह कार्य वाराणसी आश्रम से शुरू होकर आज पूरे विश्व में फैल रहा है।
आगामी 2-3 जनवरी 2026 को श्री भगवान के 85वें जन्मदिन के अवसर पर काशी में एक उत्सव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें संस्था की अन्य शाखाओं और विदेशों से भक्त, साधु संन्यासी, माताजी उपस्थित रहेंगे।
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