Surya Grahan 2025: साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा या नहीं? अभी नोट करें डेट
सूर्य ग्रहण की अवधि को शुभ नहीं माना जाता है। सूर्य ग्रहण को वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। इस दौरान शुभ और मांगलिक काम नहीं करने चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। ऐसे आइए जानते हैं कि साल 2025 में पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2025) कब लगेगा।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Grahan 2025: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण के बारे में विस्तार से बताया गया है। माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय हो जाती है, जिसका प्रभाव राशि के जातकों पर पड़ता है। ऐसे में सूर्य ग्रहण के समय नियम का पालन करना अधिक जरूरी होता है। सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि पर ही लगता है, तो ऐसे में चलिए आपको बताएंगे कि साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2025) कब लगेगा और यह भारत में दिखाई देगा या नहीं।
सूर्य ग्रहण 2025 डेट और टाइम ( Surya Grahan 2025 Date and Time)
साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को लगेगा। सूर्य ग्रहण का प्रारंभ 29 मार्च को दोपहर 02 बजकर 20 मिनट पर होगा और समापन शाम 06 बजकर 16 मिनट पर होग। यह भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसका सूतक काल (Surya Grahan Sutak Time) भी भारत में मान्य नहीं होगा।
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इन देशों में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 29 मार्च को लगने वाला सूर्य ग्रहण आर्कटिक महासागर, अटलांटिक महासागर, एशिया, यूरोप, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा।
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करें ये काम
- अगर आप सूर्य ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचना चाहते हैं, तो इसके लिए सूर्य ग्रहण के बाद स्नान करें।
- गरीब लोगों या मंदिर में श्रद्धा अनुसार अन्न और धन का दान करें।
- विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें सूर्य देव के मंत्रों का जप करें।
- घर में गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें।
भूलकर भी न करें ये काम
- सूर्य ग्रहण के दौरान खाना बनाना और इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना भी नहीं करनी चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण देखने से बचना चाहिए और बाहर भी नहीं निकलना चाहिए।
- नुकीली चीजों का प्रयोग न करें।
सूर्य देव के मंत्र
ॐ घृणि सूर्याय नम:।
बीज मन्त्र - ॐ ह्राँ ह्रीँ ह्रौं स: सूर्याय नम:।
सूर्य गायत्री मंत्र - ॐ आदित्याय विद्महे, प्रभाकराय धीमहि, तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्॥
प्रातः सूर्य स्मरण मंत्र -
प्रातः स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यं
रूपं हि मंडलमृचोऽथ तनुर्यजूंषि।
सामानि यस्य किरणाः प्रभवादिहेतुं
ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम्॥
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