Surya Dev Puja: इस नियम से दें भगवान सूर्य को अर्घ्य, कार्यक्षेत्र में मिलेगी मनचाही सफलता
हिंदू धर्म में रविवार का दिन बहुत ही अहम माना गया है। इस दिन भगवान सूर्य की पूजा का विधान है। इस दिन कुछ साधक व्रत रखते हैं और कठिन पूजन नियमों का पालन करते हैं। इसके अलावा रविवार के दिन सूर्य भगवान के108 नामों (Surya Dev 108 Names Jaap) का जाप भी बहुत शुभ माना गया है तो आइए यहां पढ़ते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में सूर्य देव की पूजा बेहद बहुत कल्याणकारी मानी जाती है। रविवार का दिन सूर्य देव की पूजा के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि उनकी पूजा करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। साथ ही घर में शुभता का आगमन होता है। ऐसे में अगर आप सूर्य देव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको रविवार के दिन उन्हें अर्घ्य देना चाहिए। एक तांबे का लोटा लें उसमें जल, रोली, लाल गुड़हल और गुड़ डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। फिर उनके 108 नामों का जाप करें। इसके साथ ही वहीं, आसन पर बैठकर सूर्य देव का ध्यान करें। आरती से पूजा का समापन करें। ऐसा करने से भगवान सूर्य खुश होंगे। साथ ही मनचाहे फल की प्राप्ति होगी।
अर्घ्य देने के नियम
- सुबह उठकर स्नान करें।
- सूर्योदय के समय जल चढ़ाएं।
- तांबे के लोटे से ही अर्घ्य दें।
- अर्घ्य का जल पैरों में न पड़ने दें।
- जल चढ़ाने के बाद सूर्य देव के 108 नामों का जाप करें।
- आरती से पूजा को पूरी करें।
- अर्घ्य देते समय लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
- जूता व चप्पल पहनकर जल न चढ़ाएं।
।।सूर्यदेव 108 नाम।।
- ॐ अरुणाय नमः
- ॐ शरण्याय नमः
- ॐ करुणारससिन्धवे नमः
- ॐ असमानबलाय नमः
- ॐ आर्तरक्षकाय नमः
- ॐ आदित्याय नमः
- ॐ आदिभूताय नमः
- ॐ अखिलागमवेदिने नमः
- ॐ अच्युताय नमः
- ॐ अखिलज्ञाय नमः
- ॐ अनन्ताय नमः
- ॐ इनाय नमः
- ॐ विश्वरूपाय नमः
- ॐ इज्याय नमः
- ॐ इन्द्राय नमः
- ॐ भानवे नमः
- ॐ इन्दिरामन्दिराप्ताय नमः
- ॐ वन्दनीयाय नमः
- ॐ ईशाय नमः
- ॐ सुप्रसन्नाय नमः
- ॐ सुशीलाय नमः
- ॐ सुवर्चसे नमः
- ॐ वसुप्रदाय नमः
- ॐ वसवे नमः
- ॐ वासुदेवाय नमः
- ॐ उज्ज्वल नमः
- ॐ उग्ररूपाय नमः
- ॐ ऊर्ध्वगाय नमः
- ॐ विवस्वते नमः
- ॐ उद्यत्किरणजालाय नमः
- ॐ हृषीकेशाय नमः
- ॐ ऊर्जस्वलाय नमः
- ॐ वीराय नमः
- ॐ निर्जराय नमः
- ॐ जयाय नमः
- ॐ ऊरुद्वयाभावरूपयुक्तसारथये नमः
- ॐ ऋषिवन्द्याय नमः
- ॐ रुग्घन्त्रे नमः
- ॐ ऋक्षचक्रचराय नमः
- ॐ ऋजुस्वभावचित्ताय नमः
- ॐ नित्यस्तुत्याय नमः
- ॐ ऋकारमातृकावर्णरूपाय नमः
- ॐ उज्ज्वलतेजसे नमः
- ॐ ऋक्षाधिनाथमित्राय नमः
- ॐ पुष्कराक्षाय नमः
- ॐ लुप्तदन्ताय नमः
- ॐ शान्ताय नमः
- ॐ कान्तिदाय नमः
- ॐ घनाय नमः
- ॐ कनत्कनकभूषाय नमः
- ॐ खद्योताय नमः
- ॐ लूनिताखिलदैत्याय नमः
- ॐ सत्यानन्दस्वरूपिणे नमः
- ॐ अपवर्गप्रदाय नमः
- ॐ आर्तशरण्याय नमः
- ॐ एकाकिने नमः
- ॐ भगवते नमः
- ॐ सृष्टिस्थित्यन्तकारिणे नमः
- ॐ गुणात्मने नमः
- ॐ घृणिभृते नमः
- ॐ बृहते नमः
- ॐ ब्रह्मणे नमः
- ॐ ऐश्वर्यदाय नमः
- ॐ शर्वाय नमः
- ॐ हरिदश्वाय नमः
- ॐ शौरये नमः
- ॐ दशदिक्संप्रकाशाय नमः
- ॐ भक्तवश्याय नमः
- ॐ ओजस्कराय नमः
- ॐ जयिने नमः
- ॐ जगदानन्दहेतवे नमः
- ॐ जन्ममृत्युजराव्याधिवर्जिताय नमः
- ॐ उच्चस्थान समारूढरथस्थाय नमः
- ॐ असुरारये नमः
- ॐ कमनीयकराय नमः
- ॐ अब्जवल्लभाय नमः
- ॐ अन्तर्बहिः प्रकाशाय नमः
- ॐ अचिन्त्याय नमः
- ॐ आत्मरूपिणे नमः
- ॐ अच्युताय नमः
- ॐ अमरेशाय नमः
- ॐ परस्मै ज्योतिषे नमः
- ॐ अहस्कराय नमः
- ॐ रवये नमः
- ॐ हरये नमः
- ॐ परमात्मने नमः
- ॐ तरुणाय नमः
- ॐ वरेण्याय नमः
- ॐ ग्रहाणांपतये नमः
- ॐ भास्कराय नमः
- ॐ आदिमध्यान्तरहिताय नमः
- ॐ सौख्यप्रदाय नमः
- ॐ सकलजगतांपतये नमः
- ॐ सूर्याय नमः
- ॐ कवये नमः
- ॐ नारायणाय नमः
- ॐ परेशाय नमः
- ॐ तेजोरूपाय नमः
- ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
- ॐ सम्पत्कराय नमः
- ॐ ऐं इष्टार्थदाय नमः
- ॐ अं सुप्रसन्नाय नमः
- ॐ श्रीमते नमः
- ॐ श्रेयसे नमः
- ॐ सौख्यदायिने नमः
- ॐ दीप्तमूर्तये नमः
- ॐ निखिलागमवेद्याय नमः
- ॐ नित्यानन्दाय नमः
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