शूर्पणखा राक्षसी, धर्मज्ञान शून्य कामान्ध स्त्री थी
लंकापति रावण की बहन और विद्युतजिव्ह की पत्नी शूर्पणखा की नाक लक्ष्मण ने काट दी थी। इस बात का उल्लेख वाल्मीकि रामायण के अरण्य कांड, उत्तर कांड और गोस्व ...और पढ़ें

लंकापति रावण की बहन और विद्युतजिव्ह की पत्नी शूर्पणखा की नाक लक्ष्मण ने काट दी थी। इस बात का उल्लेख वाल्मीकि रामायण के अरण्य कांड, उत्तर कांड और गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस के अरण्य कांड में मिलता है।
शूर्पणखा नागिन की तरह थी। यह उल्लेख धर्म ग्रंथों में उसके चरित्र के बारे में मिलता है। शूर्पणखा राक्षसी, धर्मज्ञान शून्य कामान्ध स्त्री थी। वह दानवों के राजा कालका के पुत्र की पत्नी थी।
शूर्पणखा के बारे में विस्तृत जानकारी 'रामायण', 'श्रीरामचरितमानस', 'रामचन्द्रिका', 'साकेत', 'साकेत सन्त', 'पंचवटी' आदि धर्म ग्रंथों में मिलती है।
जब रावण विश्वविजय यात्रा पर था तो विद्युतजिव्य भी उसके साथ था। लेकिन युद्ध में वो मारा गया। शूर्पणखा विधवा हो गई। रावण ने शूर्पणखा को अपने भाई खर के यहां भेज दिया। खर दंडकारण्य में रहता था।
बात उस समय की है जब श्रीराम अपनी पत्नी सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ वन-वन भटकते 14 वर्ष का वनवास पूरा कर रहे थे। वह तीनों दंडकारण्य क्षेत्र में पहुंचे। वहां शूर्पणखा ने तीनों को देखा। शूर्पणखा दोनों राजकुमारों को देखकर मोहित हो गई। वह पहले राम के पास गई। राम ने कहा कि वह विवाहित हैं। तब वह मौका देखकर लक्ष्मण के पास पहुंची और लक्ष्मण से प्रणय निवेदन करने लगी।'
लक्ष्मण नाराज हो गए और उन्होंने उस राक्षसी की नाक उसके चेहरे से अलग कर दी। वह तुरंत अपने भाई खर के पास पहुंची। खर ने शूर्पणखा की यह दशा देख दोनों राजकुमारों से युद्ध करने की ठान ली। वह दोनों राजकुमारों के पास पहुंचा। दोनों राजकुमारों ने खर का अंत कर दिया।

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