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    Somvati Amavasya 2024: साल की अंतिम अमावस्या पर जरूर करें ये 4 काम, खुल जाएगी बंद किस्मत

    Updated: Fri, 27 Dec 2024 09:33 AM (IST)

    30 दिसंबर को साल की अंतिम सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2024 Kis Din Hai?) मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता हैं कि जो जातक इस मौके पर गंगा स्नान और अपने पितरों का पिंडदान करते हैं उनके जीवन की सभी समस्याओं का अंत हो जाता है। इसके साथ ही पितरों को मुक्ति मिल जाती है तो चलिए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    Somvati Amavasya 2024: अमावस्या के दिन करें ये काम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सोमवती अमावस्या सबसे शक्तिशाली दिनों में से एक है, क्योंकि यह दिन पूर्वजों को समर्पित है। सोमवार को पड़ने की वजह से इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। यह तिथि आत्म शुद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। कहते हैं कि जो साधक अपने जीवन की तमाम समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं, उन्हें इस दिन ज्यादा से ज्यादा पूजा-पाठ और दान-पुण्य करना चाहिए। इससे व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 30 दिसंबर, 2024 दिन सोमवार को साल की अंतिम सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2024 Kis Din Hai?) मनाई जाएगी।

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    ऐसे में इस दिन को लेकर ज्योतिष शास्त्र में कुछ विशेष कार्य बताए गए हैं, जिन्हें जरूर करने चाहिए, तो आइए जानते हैं कि वे कार्य कौन से हैं?

    अमावस्या के दिन करें ये काम (Amavasya Do These 4 Things)

    पितरों का करें तर्पण - अमावस्या का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन अपने पूर्वजों का एक जानकार पुजारी के माध्यम से तर्पण कराना चाहिए। इससे जीवन में खुशहाली आती है और कुंडली से पितृ दोष समाप्त होता है।

    पिंडदान करें - अमावस्या पूर्वजों का पिंडदान करने का सबसे सही दिन है। ऐसे में जिन्हें अपने पूर्वजों की मृत्यु की तिथि न पता हो, तो वे इस दिन अपने पितरों का पिंडदान कर सकते हैं।

    ध्यान करें - अपने आप से जुड़ें और मार्गदर्शन के लिए पूर्वजों का ध्यान करें।

    दान-पुण्य करें - अमावस्या के दिन ज्यादा से ज्यादा दान और पुण्य करें। कहा जाता है कि इस दिन भोजन, कपड़े और अन्य आवश्यकता की चीजों का दान करने से भाग्य प्रबल होता है। साथ ही पितृ प्रसन्न होकर मनचाहा फल देते हैं।

    सोमवती अमावस्या तिथि और समय (Somvati Amavasya Date And Time)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह की अमावस्या तिथि 30 दिसंबर को सुबह 04 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, सोमवती अमावस्या की समाप्ति 31 दिसंबर को देर रात 03 बजकर 56 मिनट पर होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि का महत्व है। इसलिए पंचांग को देखते हुए 30 दिसंबर को ही (Somvati Amavasya 2024) सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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