Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या पर पीपल के पेड़ की क्यों की जाती है परिक्रमा? नोट करें पूजन सामग्री
सोमवती अमावस्या का दिन हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है। इस साल की अंतिम सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर यानी आज के दिन मनाई जा रही है। इस दिन गंगा स्नान भगवान शंकर की पूजा और पीपल वृक्ष की परिक्रमा करने का भी विशेष महत्व है तो चलिए इस दिन (Somvati Amavasya 2024) से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। साल 2024 में सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर यानी आज मनाई जा रही है। इसे दर्श व पौष अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस तिथि पितरों का तर्पण करने का विधान है। माना जाता है कि यह दिन पूर्वजों की पूजा के लिए बहुत ही अच्छा होता है। वहीं, ज्योतिष शास्त्र में इस महत्वपूर्ण तिथि (Somvati Amavasya 2024) पर भगवान शंकर की पूजा के अलावा पीपल के पेड़ की परिक्रमा होती है, जिसके बिना इस दिन का अनुष्ठान अधूरा माना जाता है, तो चलिए यहां पर जानते हैं कि इसके पीछे का कारण क्या है?
सोमवती अमावस्या पर क्यों होती है पीपल के पेड़ की परिक्रमा?
सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा (Peepal Tree Significance) करने का भी विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने से वैवाहिक जीवन से जुड़ी सभी मुश्किलें दूर हो जाती हैं। साथ ही कुंडली में जल्द विवाह के योग बनते हैं। इसके साथ ही जीवन में आने वाली सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
इसी वजह से इस परंपरा (Somvati Amavasya Rituals) का लंबे समय से पालन किया जा रहा है। हालांकि इस दौरान मुहूर्त और पूजन सामग्री का भी पूरा ध्यान रखना पड़ता है।
सोमवती अमावस्या पर क्या करें?
- इस दिन ज्यादा से ज्याद पूजा-पाठ करें।
- इस दिन गंगा स्नान जरूर करें।
- इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान जरूर करें।
- इस दिन भगवत गीता का पाठ करें।
- इस दिन सात्विकता का पालन भी करें।
- इस तिथि पर पितरों से जुड़ा किसी भी प्रकार का काम किया जा सकता है।
सोमवती अमावस्या पर क्या न करें?
- इस मौके पर शुभ कार्यों को करने से बचें।
- इस दिन तामसिक भोजन से परहेज करें।
- इस तिथि पर किसी के साथ विवाद न करें।
- इस दिन किसी के बारे में बुरा बोलने से बचें।
पूजा सामग्री (Somvati Amavasya Pujan Samgri List)
चंदन, अक्षत, पान, सुपारी, फल, फूल, रोली, कुमकुम,धूप, घी, दीपक, शुद्ध जल, गंगाजल, आसन, मिष्ठान, फेरी लगाने के लिए 108 सामान जैसे - चूड़ी, बिंदी, आम, केला आदि सामग्री ले सकते हैं।
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