Som Pradosh Vrat के दिन करें इस मंगलकारी स्तोत्र का पाठ, खुल जाएगा किस्मत का पिटारा
सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat 2025) पर दुर्लभ भद्रावास का संयोग बन रहा है। इस दौरान भद्रा पाताल लोक में रहेंगी। भद्रा के पाताल में रहने के दौरान भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनोवांछत फल की प्राप्ति होती है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में भगवान शिव की विशेष उपासना की जाती है। सामान्य जन मनचाहा वरदान पाने के लिए प्रदोष व्रत रखते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Som Pradosh Vrat 2025: वैदिक पंचांग के अनुसार, 27 जनवरी को प्रदोष व्रत है। सोमवार के दिन पड़ने के चलते यह सोम प्रदोष व्रत कहलाएगा। सोम प्रदोष व्रत करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। इस शुभ अवसर पर साधक श्रद्धा भाव से भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करते हैं।
धार्मिक मत है कि प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा साधक पर बरसती है। भगवान शिव की कृपा से न केवल अधूरे और बिगड़े काम पूरे होते हैं, बल्कि दुख और दर्द भी दूर हो जाते हैं। अगर आप भी भगवान शिव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो सोम प्रदोष व्रत के दिन भक्ति भाव से शिव-शक्ति की पूजा करें। वहीं, पूजा के समय इस मंगलकारी स्तोत्र का पाठ करें।
यह भी पढ़ें: वसंत पंचमी के दिन इन चीजों का करें दान, खूब बरसेगी मां शारदा की कृपा
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम्
शिव सत्य है, शिव अनंत है,
शिव अनादि है, शिव भगवंत है,
शिव ओंकार है, शिव ब्रह्म है,
शिव शक्ति है, शिव भक्ति है ।।
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥
रुप मंगलम् शिव शृंगार मंगलम् ।
भस्मांगधारीका परीवार मंगलम् ।
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥
पर्वत कैलाश का आधार मंगलम् ।
शंभू महाशक्ति है साकार मंगलम् ।
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ।
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॥
जटा मंगलम् गंगाधार मंगलम् ।
चंद्र मंगलम् चंद्राकार मंगलम् ।
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥
तीन नयनधारी है त्रिकाल मंगलम् ।
नीलकंठधारी महाकाल मंगलम् ।
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥
कंठमुंडमाल सर्फ हार मंगलम् ।
कालिसंग काल प्रलयंकार मंगलम् ।
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥
रुद्र मंगलम् रुद्राक्ष मंगलम् ।
चतुर्भुज शंभू के शुभ हाथ मंगलम् ।
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ।
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॥
त्रिशूल मंगलम् डमरुवात मंगलम् ।
है अंत मंगलम् मध्य आद्य मंगलम् ।
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥
दिव्य अंग वस्त्र व्याघ्रचर्म मंगलम् ।
शंभू महादेव के है मर्म मंगलम् ।
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥
दिव्य देव के दोनो चरण मंगलम् ।
प्रभु अविनाशी के पदत्राण मंगलम् ।
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥
है वाम अंग पार्वती देवी मंगलम् ।
चरणोंमें शिवगण है सारे सेवी मंगलं
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥
पुत्र कार्तिकेय श्री प्रथमेश मंगलम् ।
देवों के देव है गणेश मंगलम् ।
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥
व्दादशज्योतिर्लिंग है शिवनाथमंगलं
सोमेश्वरनाथ विश्वनाथ मंगलम् ।
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥
रामेश्वर शंभू है केदार मंगलम् ।
घृष्मेश्वर भीमा ओंकार मंगलम् ।
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥
मल्लिकार्जुन नागेश्वरनाथ मंगलम् ।
महाकालेश्वर वैद्यनाथ मंगलम् ।
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥
त्र्यंबकेश्वर शिव संचार मंगलम् ।
कणकण में शंभू निराकार मंगलम् ।
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥
ॐ नमः शिवायका उच्चार मंगलम् ।
महामंत्र महिमा आकार मंगलम् ।
मुक्ति भुक्ति दाता शिवव्दार मंगलम् ।
नमन वंदना से भव पार मंगलम् ।
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥
*ॐऽऽ… ॐऽऽ…. ॐऽऽ…. ॐऽऽऽ….
*ॐ शांति ! ॐ शांति !! ॐ शांति ।।
यह भी पढ़ें: सोम प्रदोष व्रत पर करें शिव तांडव स्तोत्र का पाठ, कृपा बरसाएंगे महादेव
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।