Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Skanda Sashti 2024: इस विधि से करें स्कंद षष्ठी की पूजा, होंगे चमत्कारी लाभ

    स्कंद देव भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त स्कंद षष्ठी व्रत का पालन करते हैं उन्हें अपने जीवन में ढेर सारा धन शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। इसके साथ ही इस उपवास का पालन करने से बाधाओं पर काबू पाने और जीवन में आध्यात्मिक ज्ञान और समझ प्राप्त करने में मदद मिलती है।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 13 Apr 2024 02:11 PM (IST)
    Hero Image
    Skanda Sashti 2024: स्कंद षष्ठी पूजा नियम

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Skanda Sashti 2024: स्कंद षष्ठी के पर्व का विशेष महत्व है। इस साल चैत्र नवरात्र के पांचवें दिन स्कंद षष्ठी पड़ रही है। यह भगवान मुरुगन यानी कार्तिकेय जी को समर्पित है। भगवान कार्तिकेय गणेश जी के बड़े भाई और शिव-पार्वती के पुत्र हैं। ऐसी मान्यता है कि जो जातक इस दिन का उपवास रखते हैं और विधि अनुसार पूजा-पाठ करते हैं उन्हें मनचाहा वरदान प्राप्त होता है, तो आइए इस पवित्र व्रत से जुड़ी कुछ बातों को जानते हैं -

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्कंद षष्ठी शुभ मुहूर्त

    स्कंद षष्ठी शुक्ल पक्ष के छठे दिन मनाई जाती है। इस साल यह 13 अप्रैल को पड़ रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, षष्ठी तिथि 13 अप्रैल दोपहर 12 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 14 अप्रैल 11 बजकर 43 मिनट पर होगा।

    यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2024: भाग्यशाली होती हैं नवरात्र में जन्मी कन्या, माता रानी के इन नामों पर करें नामकरण

    स्कंद षष्ठी पूजा नियम

    • साधक सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
    • अपने घर का मंदिर साफ करें।
    • भगवान मुरुगन यानी कार्तिकेय जी के व्रत का संकल्प लें।
    • एक वेदी पर भगवान स्कंद की प्रतिमा स्थापित करें।
    • पंचामृत से स्नान करवाएं।
    • चंदन व हल्दी का तिलक लगाएं।
    • उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं।
    • फूलों की माला अर्पित करें।
    • भगवान को फल, मिठाई का भोग लगाएं।
    • आरती से पूजा का समापन करें।
    • वैदिक मंत्रों का जाप करें।
    • व्रती तामसिक चीजों से दूर रहें।
    • पूजा समाप्त करने के बाद शंखनाद अवश्य करें।
    • अगले दिन प्रसाद से अपने व्रत का पारण करें।
    • गरीबों की मदद करें, उन्हें भोजन खिलाएं।
    • भगवान मुरुगन के मंदिर जाएं।

    भगवान मुरुगन पूजन मंत्र

    • ''ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात:''
    • ''देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।

    कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥''

  • ''ॐ शारवाना-भावाया नम:

    ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा

    देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।''

  • यह भी पढ़ें: Shani Sade Sati Tips: चल रही है शनि की साढ़ेसाती, तो इन कार्यों को करें अनदेखा, शनि प्रकोप होगा कम

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'