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    राम सरसि बरु दुलहिनि सीता

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    Updated: Wed, 02 Oct 2013 11:18 AM (IST)

    राम सरसि बरु दुलहिनि सीता। समधी दसरथु, जनकु पुनीता।। मर्यादा पुरुषोत्तम अवधपुरी से मंगलवार को बरात लेकर चले तो चारों तरफ खुशियां बिखर गईं। बैंड बाजों की धुन पर बराती थिरकने लगे। देवी-देवता, मनुष्य सब मंगल गीत गाने लगे। शहनाई बज उठीं। शीश पर शोभा बढ़ाते रत्‍‌नजड़ित मुकुट की दमक उनके राजसी वैभव को दर्शा रही थी। आ

    आगरा। राम सरसि बरु दुलहिनि सीता। समधी दसरथु, जनकु पुनीता।। मर्यादा पुरुषोत्तम अवधपुरी से मंगलवार को बरात लेकर चले तो चारों तरफ खुशियां बिखर गईं। बैंड बाजों की धुन पर बराती थिरकने लगे। देवी-देवता, मनुष्य सब मंगल गीत गाने लगे। शहनाई बज उठीं। शीश पर शोभा बढ़ाते रत्‍‌नजड़ित मुकुट की दमक उनके राजसी वैभव को दर्शा रही थी। आंखों में लगा काजल उनकी सुंदरता को और बढ़ा रहा था। ऐसी ही छवि नजर आई दूल्हा बने श्रीराम की।

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    मंगलवार को हाथी पर सवार होकर वह बरात में निकले, तो सियापति रामचंद्र का जयघोष हो उठा। मार्ग में जगह-जगह उनकी आरती उतारी गई। उत्तर भारत के प्रमुख आयोजनों में शुमार आगरा की रामबरात को देखकर लगा कि त्रेता युग में उनकी बरात में यही नजारा रहा होगा। मंगलवार शाम मन:कामेश्वर मंदिर से राम की बरात शुरू हुई। रावतपाड़ा क्षेत्र अयोध्यानगरी बना हुआ था। शोभायात्र में सबसे आगे दो ऊंट चल रहे थे। उनके पीछे घोड़े और फिर विघ्न विनाशक गणोश जी की सवारी थी। इसके बाद भव्य और मनमोहक झांकियां थीं। शंकर, कृष्ण, काली, खाटू श्याम समेत देवी-देवता राम की बरात की शोभा बढ़ा रहे थे। चांदी के रथ पर भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी सवार थीं। भव्य रथ पर विराजमान शत्रुघ्न के आगे सुधीर बैंड और भरत के रथ के आगे प्रहलाद बैंड चल रहा था। शेषनाग के अवतार लक्ष्मण के रथ में शेषनाग बने हुए थे। उनके रथ के आगे मिलन बैंड धार्मिक धुनें बजाते हुए चल रहा था। प्रभु श्रीराम के हाथी के आगे जगदीश बैंड चल रहा था।

    शोभायात्र में 11 बैंड शामिल रहे। भगवान राम की छवि के दर्शन के लिए श्रद्धालु बेचैन रहे।

    इन्होंने किया श्रृंगार- प्रभु राम और उनके अनुजों का श्रृंगार रवि गोस्वामी और मुकेश अग्रवाल के निर्देशन में पवन, मोहित, राहुल, प्रमित, रजत, कन्हैया, अमित, हैपी, जुगल, आकाश, योगेंद्र और अनुज ने किया। बरात का संचालन श्यामबाबू अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, आनंद मंगल, मोहित और मनोज ने किया।

    रात 10:45 बजे हाथी पर सवार हुए श्रीराम -भगवान राम विशेष रूप से तैयार कराए गए फाइबर के हाथी पर करीब 10:45 बजे सवार हुए। राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त अंजुला सिंह माहौर, राज्य लघु उद्योग विकास निगम के चेयरमैन शिवकुमार राठौर और मेयर इंद्रजीत आर्य ने हाथी पर बैठने से पूर्व भगवान राम की आरती उतारी। इससे पूर्व बारहदरी में स्वरूपों की आरती सांसद रामशंकर कठेरिया, विधायक द्वय जगन प्रसाद गर्ग और योगेंद्र उपाध्याय, पूर्व एमएलसी अनुराग शुक्ल, डीएम जुहेर बिन सगीर और कमेटी के महामंत्री श्रीभगवान अग्रवाल ने उतारी।

    डांडिया, फूलों की होली रही आकर्षण- प्रभु राम की बरात में सजीव झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। कृष्ण और राधा की मधुवन में रास रचाती, कृष्ण की बाल लीलाओं के साथ शंकर जी की बरात ने मन मोह लिया।

    राधा-कृष्ण, साईंधाम, मेरा नाम जोकर, भांगड़ा और दक्षिण भारतीय नृत्यों की प्रस्तुति देखने के लिए भीड़ उमड़ी। शोभायात्र में डांडिया और फूलों की होली खेलते कलाकार आकर्षण का केंद्र बने रहे।

    नहीं छिपीं दिल की दूरियां- भगवान राम की बरात में मन:कामेश्वर मंदिर प्रबंधन और आयोजन समिति के बीच बारहदरी विवाद के चलते दिल की दूरियां साफ नजर आईं। बारहदरी को लेकर चले विवाद में महंत और रामलीला कमेटी के बीच छिड़े विवाद का असर कटुता के रूप में दिखा। वर्षो से मंदिर के महंत योगेश पुरी द्वारा भगवान राम और उनके भाइयों के स्वरूपों की आरती उतारी जाती थी। मगर इस बार रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने ही आरती उतारी। हालांकि मंदिर प्रबंधन द्वारा बाबा मन:कामेश्वर नाथ की झांकी निकाली गई। इसके साथ मंदिर के महंत योगेश पुरी स्वयं चल रहे थे।

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