Sita Navami 2025: कब मनाई जाएगी सीता नवमी, यहां जानें मुहूर्त से लेकर पूजा विधि तक सबकुछ
पंचांग के अनुसार राम नवमी के एक माह बाद यानी वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर सीता नवमी (Sita Navami 2025) मनाई जाती है जिसे जानकी नवमी भी कहा जाता है। धार्मिक मान्याओं के अनुसार यह वह तिथि है जब माता सीता धरती पर अवतरित हुई थीं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल सीता नवमी कब मनाई जाएगी।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। माता सीता, रामायण का एक मुख्य पात्र रही हैं, जिन्हें जानकी, मैथिली, सिया आदि कई नामों से जाना जाता है। माना जाता है कि माता सीता अपने भक्तों की हर मनोकामना की पूर्ति करती हैं। सीता नवमी, जानकी जी के साथ-साथ भगवान राम की कृपा प्राप्ति के लिए भी एक उत्तम तिथि मानी गई है। ऐसे में चलिए जानते हैं सीता नवमी का मुहूर्त और पूजा विधि।
सीता नवमी शुभ मुहूर्त
वैशाख शुक्ल नवमी तिथि की शुरुआत 05 मई 2024 को सुबह 07 बजकर 35 मिनट पर हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 06 मई को सुबह 08 बजकर 38 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए सीता नवमी का पर्व सोमवार 05 मई को मनाया जाएगा। इस दौरान सीता माता की पूजा के लिए यह समय उत्तम रहने वाला है -
नवमी मध्याह्न मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 14 मिनट से दोपहर 01 बजकर 52 मिनट तक
माता सीता पूजा विधि ( Sita Navami Puja Vidhi)
सीता नवमी के दिन सुबह दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र पहन लें। इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई कर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और भगवान श्रीराम व माता सीता की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें। इसके बाद पूजा आरंभ करते हुए माता सीता को फूल माला, अक्षत और शृंगार का समान अर्पित करें। भगवान राम व माता सीता को फल व मिठाई का भोग लगाएं और दीपक घी का दीपक जलाएं। अंत में माता सीता के मंत्रों का जप करें और भगवान राम व सीता जी की आरती करें।
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(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
माता सीता के मंत्र
1. "ॐ सीतायै नमः"
2. "श्री जानकी रामाभ्यां नमः"
3. मूल मंत्र - श्री सीतायै नमः।
4. बीज मंत्र - "ॐ श्री सीता रामाय नमः"
5. गायत्री मंत्र - "ॐ जनकाय विद्महे राम प्रियाय धीमहि। तन्नो सीता प्रचोदयात्॥"
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