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    Sita Navami 2024: सीता नवमी पर जरूर करें इस कथा का पाठ, अखंड सौभाग्य की होगी प्राप्ति

    वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मत है कि इसी दिन माता सीता का प्राकट्य हुआ था। इस बार सीता नवमी 16 मई को मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन पूजा के दौरान सीता नवमी व्रत कथा का पाठ न करने से पूर्ण फल की प्राप्ति नहीं होती। इसलिए सीता नवमी व्रत कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 15 May 2024 05:20 PM (IST)
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    Sita Navami 2024: सीता नवमी पर जरूर करें इस कथा का पाठ, अखंड सौभाग्य की होगी प्राप्ति

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sita Navami Vrat Katha: सनातन धर्म में वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को बेहद शुभ माना गया है। क्योंकि इस दिन मां सीता का प्राकट्य हुआ था। इसलिए हर वर्ष सीता नवमी के पर्व को अधिक धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस खास अवसर पर सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं। इससे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही मां सीता और भगवान श्री राम की पूजा की जाती है। मान्यता है कि पूजा के दौरान सीता नवमी व्रत कथा का पाठ न करने से पूर्ण फल की प्राप्ति नहीं होती। इसलिए सीता नवमी व्रत कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए।

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    सीता नवमी व्रत कथा (Sita Navami Vrat Katha)

    रामायण के अनुसार, एक बार मिथिला में लंबे समय से वर्षा नहीं हो रही थी। इस बात को लेकर राजा जनक बेहद चिंतित हुए। उन्होंने इस विषय को लेकर ऋषि-मुनियों से विचार-विमर्श किया और समस्या का समाधान करने का अनुरोध किया। ऐसे में ऋषि-मुनियों ने राजा जनक को खेत में हल चलाने की राय दी।

    ऋषि-मुनियों ने कहा कि यदि राजा जनक आप ऐसा ही करेंगे, तो इंद्र देवता की कृपा अवश्य बरसेगी। राजा जनक ने ऋषि-मुनियों के आदेश का पालन कर वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन खेत में हल चलाया। इस दौरान उनके हल से कोई वस्तु टकराई, यह देख राजा जनक ने सेवादारों से उस जगह की खुदाई करवाई।

    उस जगह की खुदाई के दौरान उन्हें एक कलश मिला, जिसमें एक कन्या थी। राजा जनक ने उन्हें अपनी पुत्री मानकर उनका पालन-पोषण किया। राजा जनक ने उस कन्या का नाम सीता रखा। तभी से हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर सीता नवमी मनाई जाती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।