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    Sita Navami 2023: सीता नवमी कब? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Thu, 27 Apr 2023 06:19 PM (IST)

    Sita Navami 2023 हिंदू शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान श्री राम की अर्धांगिनी माता सीता का जन्म वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन हुआ था जिसे सीता नवमी के नाम से जाता है।

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    Sita Navami 2023 जानिए कब मनाई जाएगी सीता नवमी?

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Sita Navami 2023 Date: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन सीता नवमी हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन माता सीता का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को सीता जयंती या जानकी नवमी के रूप में भी जाना जाता है। इस विशेष दिन पर माता सीता की उपासना करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है और जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं, वर्ष 2023 में किस दिन मनाई जाएगी सीता नवमी, शुभ मुहूर्त और महत्त्व?

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    सीता नवमी 2023 तिथि (Sita Navami 2023 Shubh Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का शुभारंभ 28 अप्रैल 2023 को शाम 04 बजकर 01 मिनट पर होगा और इसका समापन 29 अप्रै को शाम 06 बजकर 22 मिनट पर हो जाएगा। सीता नवमी पर्व 29 अप्रैल 2023, शनिवार के दिन मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार इस दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है, जो दोपहर 12 बजकर 47 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।

    सीता नवमी महत्व (Sita Navami 2023 Importance)

    धार्मिक मान्यता है कि माता सीता मां लक्ष्मी का स्वरूप हैं। इसलिए इस विशेष दिन पर मां सीता की उपासना करने से माता लक्ष्मी स्वयं प्रसन्न हो जाती हैं और साधक को सभी प्रकार की खुशियों का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। माना यह भी जाता है कि सीता नवमी के दिन पूजा-पाठ करने से रोग, दोष और पारिवारिक कलह से मुक्ति प्राप्त हो जाती है।

    सीता नवमी पूजा विधि (Sita Navami 2023 Puja Vidhi)

    सीता नवमी के दिन माता सीता को श्रृंगार की सभी सामग्री अर्पित की जाती है। साथ ही गंध, पुष्प, धूप, दीप और मिष्ठान इत्यादि से विधिवत पूजा की जाती है। इस दिन तिल का तेल या गाय के घी का दीया भी जलाया जाता है। लाल पुष्प माता सीता को बहुत प्रिय है। इसलिए इस दिन उन्हें लाल या पीले रंग का पुष्प जरूर अर्पित करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से माता सीता जल्द प्रसन्न हो जाती हैं।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।