Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Laxmi Stuti: कर्ज से पाना चाहते हैं मुक्ति, तो आज पूजा के समय जरूर करें ये स्तुति

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Fri, 23 Jun 2023 08:52 AM (IST)

    Laxmi Stuti धार्मिक मान्यता है कि मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख और समृद्धि आती है। साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। अगर आप भी मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो शुक्रवार के दिन लक्ष्मी स्तुति अवश्य करें। लक्ष्मी स्तुति के पाठ से जातक को धन की प्राप्ति होती है। इस दिन शुक्र देवता की भी पूजा की जाती है।

    Hero Image
    Laxmi Stuti: कर्ज से पाना चाहते हैं मुक्ति, तो आज पूजा के समय जरूर करें ये स्तुति

    नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Laxmi Stuti: सनातन धर्म में शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही मनोकामना पूर्ति हेतु साधक लक्ष्मी वैभव का व्रत करते हैं। इस व्रत को स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं। इस दिन शुक्र देवता की भी पूजा की जाती है। ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत रहने से जातक को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता है कि मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख और समृद्धि आती है। साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। अगर आप भी मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो शुक्रवार के दिन लक्ष्मी स्तुति अवश्य करें। लक्ष्मी स्तुति के पाठ से जातक को धन की प्राप्ति होती है। आइए, लक्ष्मी स्तुति करें-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लक्ष्मी स्तुति

    आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।

    यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।

    सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।

    पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।

    विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्या स्वरूपिणि।

    विद्यां देहि कलां देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।

    धन लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व दारिद्र्य नाशिनि।

    धनं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।

    धान्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वाभरण भूषिते।

    धान्यं देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।

    मेधा लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु कलि कल्मष नाशिनि।

    प्रज्ञां देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।

    गज लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वदेव स्वरूपिणि।

    अश्वांश गोकुलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।

    धीर लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पराशक्ति स्वरूपिणि।

    वीर्यं देहि बलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।

    जय लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व कार्य जयप्रदे।

    जयं देहि शुभं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।

    भाग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सौमाङ्गल्य विवर्धिनि।

    भाग्यं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।

    कीर्ति लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु विष्णुवक्ष स्थल स्थिते।

    कीर्तिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।

    आरोग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व रोग निवारणि।

    आयुर्देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।

    सिद्ध लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व सिद्धि प्रदायिनि।

    सिद्धिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।

    सौन्दर्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वालङ्कार शोभिते।

    रूपं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।

    साम्राज्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि।

    मोक्षं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।

    मङ्गले मङ्गलाधारे माङ्गल्ये मङ्गल प्रदे।

    मङ्गलार्थं मङ्गलेशि माङ्गल्यं देहि मे सदा।।

    सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

    शरण्ये त्रयम्बके देवि नारायणि नमोऽस्तुते।।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।