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    Shukra Pradosh 2024: महाशिवरात्रि के साथ आज मनाया जा रहा है प्रदोष व्रत, जानिए पूजा का समय और विधि

    आज महाशिवरात्रि और प्रदोष व्रत (Shukra Pradosh Vrat 2024) का शुभ संयोग बन रहा है। शुक्रवार के दिन पड़ने की वजह से इसे शुक्र प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा का विधान है। ऐसे में जो भक्त भक्ति भाव के साथ शिव परिवार की पूजा-अर्चना करते हैं उन्हें उनकी पूरी कृपा प्राप्त होती है।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 08 Mar 2024 09:20 AM (IST)
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    Shukra Pradosh Vrat 2024: शुक्र प्रदोष व्रत तिथि और पूजा समय

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shukra Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत का अपना एक धार्मिक महत्व है। यह माह में दो बार आता है। इस प्रदोष व्रत को बेहद शुभ और विशेष माना जा रहा है, क्योंकि इसके साथ महाशिवरात्रि का अद्भुत संयोग बन रहा है। दोनों ही पवित्र उपवास को फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 8 मार्च, 2024 यानी आज रखा जाएगा। तो आइए प्रदोष व्रत की सही तिथि और पूजा नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं -

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    शुक्र प्रदोष व्रत तिथि और पूजा समय

    • त्रयोदशी तिथि की शुरुआत - 8 मार्च 2024, 01 बजकर 19 मिनट से
    • त्रयोदशी तिथि का समापन - 8 मार्च 2024, रात्रि 09 बजकर 57 मिनट तक
    • पूजा का समय - 8 मार्च 2024, शाम 05 बजकर 54 मिनट से रात्रि 08 बजकर 19 मिनट तक।

    शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा विधि

    • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
    • घर और पूजा कक्ष को साफ करें।
    • एक वेदी पर भगवान शिव और देवी पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
    • पंचामृत से स्नान करवाएं।
    • कुमकुम और सफेद चंदन का तिलक लगाएं।
    • देसी गाय के घी का दीपक जलाएं।
    • बेल पत्र अवश्य चढ़ाएं।
    • फूलों की माला अर्पित करें।
    • खीर का भोग लगाएं।
    • पंचाक्षरी मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
    • शिव मंदिर जाएं और वहां शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें।
    • आरती से पूजा को पूर्ण करें।
    • महादेव को प्रसन्न करने के लिए कठोर व्रत का पालन करें।
    • अगले दिन यानी 9 मार्च को शिव प्रसाद से अपने व्रत का पारण करें।

    शुक्र प्रदोष व्रत का महत्व

    प्रदोष व्रत दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। शुक्रवार के दिन पड़ने की वजह से इसे शुक्र प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग विभिन्न प्रकार की पूजा विधियां करते हैं। इस साल प्रदोष व्रत महाशिवरात्रि के दिन पड़ रहा है इसलिए यह और भी ज्यादा विशेष माना जा रहा है।

    ऐसे में जो साधक कई प्रकार की मुश्किलों से जूझ रहे हैं, उन्हें इस दिन का उपवास जरूर रखना चाहिए। साथ ही शिव परिवार की भाव और समर्पण के साथ पूजा करनी चाहिए।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'