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    Shri Radhashtmi 2020: राधाअष्टमी पर है दान का बड़ा महत्व, कोरोना काल में ऐसे करें भंडारा

    By Shilpa SrivastavaEdited By:
    Updated: Wed, 26 Aug 2020 08:02 AM (IST)

    Shri Radhashtmi 2020 आज यानी 26 अगस्त 2020 को राधाअष्टमी है। यह राधा रानी के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। राधा कृष्ण की प्राणेश्वरी है। बिना राधा नाम के कृष्ण को पाना असं

    Shri Radhashtmi 2020: राधाअष्टमी पर है दान का बड़ा महत्व, कोरोना काल में ऐसे करें भंडारा

    Shri Radhashtmi 2020: श्रीराधा सर्वेश्वरी रसिकेश्वर घनश्याम।

    करहुँ निरंतर बास मैं श्रीवृन्दावन धाम।।

    आज यानी 26 अगस्त 2020 को राधाअष्टमी है। यह राधा रानी के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। राधा कृष्ण की प्राणेश्वरी है। बिना राधा नाम के कृष्ण को पाना असंभव है। श्री कृष्ण की भक्ति प्राप्त करने के लिए राधा जी की कृपा अत्यंत आवश्यक है। बिना राधा जी के भक्ति के श्री कृष्ण भक्ति प्राप्त नहीं की जा सकती है। इसलिये राधा का नाम कृष्ण के पहले आता है। आइये ज्योतिषाचार्या साक्षी शर्मा से जानते हैं कि घर पर कैसे मनाये राधाअष्टमी।

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    राधाअष्टमी पर दान का है बड़ा महत्व:

    आज के दिन दान का बहुत महत्व है। भंडारा कराइए तथा सब लोग प्रसाद पाएं । ऐसा करने से आपके कई जन्मों के पापों का नाश होगा तथा पुण्य की प्राप्ति होगी। कोरोना के चलते भीड़ इकट्ठा न हो, आप खाना पैक करके भी गरीबों तक भंडारा पहुंचा सकते हैं।

    पूजा की विधि-

    ठीक मध्यान के समय राधाकृष्ण का युगल पूजन करें। घर की उत्तर दिशा में लाल रंग का कपड़ा बिछाएं तथा मध्य भाग में चौकी पर मिट्टी या तांबे का कलश स्थापित करें।

    चौकी पर राधा और कृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। राधाकृष्ण जी को पंचामृत से स्नान करवाएं। राधा जी को सोलह शृंगार आर्पित करें तत्पश्चात राधाकृष्ण का पंचोपचार पूजन करें।

    धूप, दीप, पुष्प, चंदन और मिश्री अर्पित करें। एक समय भोजन करें अथवा व्रत करें। ब्राह्मण सुहागन स्त्रियों को भोजन करवाकर आशीर्वाद लें तथा श्रीराधा को अर्पित सोलह श्रृंगार का सामान भेंट करें।

    राधाष्टमी के दिन श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ अवश्य करना चाहिए। साथ में आप श्री सूक्त का भी पाठ करें। इससे भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी प्रसन्न होगी।

    प्रेम, गीत तथा नृत्य ही राधा तथा कृष्ण की भक्ति प्राप्त करने का सबसे सहज तथा सरल मार्ग है। अतः भक्ति गीतों को गाइए,नृत्य करिये तथा पूरे वातावरण को कृष्ण भक्ति में रंगिये।

    इस दिन किसी पुराने मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ कर पूर्ण करने का संकल्प लें इससे जीवन में कभी कमी नहीं आएगी तथा खूब संपन्नता आएगी।