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    Janmashtami 2024: कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी? एक क्लिक में जानें शुभ मुहूर्त से लेकर संपूर्ण जानकारी

    Updated: Sat, 10 Aug 2024 10:07 AM (IST)

    भगवान श्रीकृष्ण श्रीहरि का आठवां अवतार हैं। उनकी अद्भुत लीलाओं का वर्णन आज भी उनके भक्तों के जुबान पर है। ऐसे में जब श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) का पर्व इतना करीब है तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं। बता दें कि इस साल यह पर्व 26 अगस्त को मनाया जाएगा जिसका इंतजार सभी भक्तों को है।

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    Janmashtami 2024: कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी? -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन का इंतजार भक्त पूरे साल बेसब्री के साथ करते हैं। भगवान कृष्ण के भक्तों के बीच इस व्रत का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है, जो कृष्ण जी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह पर्व हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह 26 अगस्त को मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत (Janmashtami 2024) का पालन करने से कान्हा जी के साथ राधा रानी की भी कृपा प्राप्त होती है।

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    कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी? (Janmashtami 2024 Shubh Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 25 अगस्त, 2024 दिन रविवार को रात 3 बजकर 39 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 26 अगस्त, 2024 दिन सोमवार को रात 2 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई जाएगी।

    पूजा विधि (Janmashtami 2024 Puja Vidhi)

    सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें और भक्तिपूर्वक कठोर व्रत रखने का संकल्प लें। पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले घर और पूजा कक्ष को साफ करें। लड्डू गोपाल जी का पंचामृत से अभिषेक करें। फिर उन्हें नए सुंदर वस्त्र, मुकुट, मोर पंख और बांसुरी आदि से सजाएं। पीले चंदन का तिलक लगाएं। उन्हें पंजीरी, पंचामृत, फल और मिठाई आदि चीजों का भोग लगाएं।

    ''ॐ नमो भगवते वासुदेवाय'' का जाप पूरे दिन मन ही मन करें। आरती से पूजा को समाप्त करें और शंखनाद करें। इसके बाद प्रसाद का वितरण करें। अगले दिन प्रसाद से अपना उपवास खोलें। पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे।

    भगवान कृष्ण मंत्र (Janmashtami 2024 Mantra)

    1. ऊँ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय नम:

    2. हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे

    हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे

    3. कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।