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    Shri Achaleshwar Mahadev Temple: कभी केसरिया, तो कभी लाल इस मंदिर में तीन रूपों में नजर आते हैं भोलेनाथ

    Updated: Sat, 10 Aug 2024 01:59 PM (IST)

    अचलेश्वर महादेव मंदिर को लेकर लोगों की अपनी-अपनी मान्यताएं हैं। यह चमत्कारी धाम पश्चिमी राजस्थान के सिरोही जिले में ऋषि वशिष्ठ की तपस्थली माउंटआबू के अचलगढ़ में स्थापित है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर (Shri Achaleshwar Mahadev Temple Significance) में दर्शन करने से सभी मुरादें पूर्ण होती हैं। इसके साथ ही जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है।

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    शिवलिंग के दिन में तीन बार बदलते हैं रंग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भारत में भगवान शिव के ऐसे कई मंदिर हैं, जिनकी महिमा का गुणगान दूर-दूर तक फैला हुआ है। साथ ही वे चमत्कारी रहस्य से भरे हुए हैं। वहीं, कैलाशपति का एक ऐसा शिवलिंग भी है, जो दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है। ऐसा कहा जाता है कि इस धाम में दर्शन करने मात्र से भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं, तो आइए इस धाम (Shri Achaleshwar Mahadev Temple Significance) से जुड़ी कुछ रहस्यमयी बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

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    शिवलिंग के दिन में तीन बार बदलते हैं रंग

    आपको बता दें, हम अचलेश्वर महादेव मंदिर की बात कर रहे हैं, जो पश्चिमी राजस्थान के सिरोही जिले में ऋषि वशिष्ठ की तपस्थली माउंटआबू के अचलगढ़ में स्थापित है। इस दिव्य स्थल में स्थापित शिवलिंग सुबह के समय लाल रंग का होता है, फिर दोपहर में इसका रंग बदलकर केसरिया हो जाता है।

    वहीं, शाम को इसका रंग बदलकर सांवला हो जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना 813 ईस्वी में की गई थी, जहां पर भगवान शिव के पैरों के निशान अब भी मौजूद हैं।

    शिव जी ने थाम रखा है माउंट आबू पहाड़

    इस अद्भुत अचलेश्वर महादेव मंदिर पर काफी बार रिसर्च की गई, लेकिन इसके रंग बदलने का कारण लोगों को आज भी पता नहीं चला है। कहते हैं कि इस शिवलिंग के एक बार दर्शन करने से व्यक्ति के सभी दुख दूर हो जाते हैं। साथ ही मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है। वहीं, इस शिव मंदिर में सावन और महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर भारी मात्रा में भक्तों का सैलाब उमड़ता है।

    इसके अलावा ऐसा भी कहा जाता है कि भोलेनाथ ने अपने अंगूठे से पूरे माउंट आबू पहाड़ को थाम रखा है, जिस दिन अंगूठे का निशान गायब हो जाएगा, उस दिन माउंट आबू पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगा।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।

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