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    Pitru Paksha 2025: पितरों को प्रसन्न करने के लिए करें ये बेहद सरल उपाय, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 02:07 PM (IST)

    पितृ पक्ष (Shradh Paksha 2025) के दौरान पितरों का श्राद्ध तर्पण और पिंडदान करने से तीन पीढ़ी के पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। कहते हैं कि पूर्वज भी अपनी पीढ़ियों से तर्पण की आस में रहते हैं। इसके लिए पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण किया जाता है।

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    Pitru Paksh 2025: पितृ पक्ष का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में आश्विन महीने का खास महत्व है। इस महीने की शुरुआत सोमवार 08 सितंबर से हो रही है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष मनाया जाता है। इस दौरान पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है।

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    गरुड़ पुराण में भगवान नारायण ने जन्म और मृत्यु चक्र के बारे में विस्तार से बताया है। साथ ही पितृ ऋण से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति के उपाय भी बताए हैं। अगर आप भी पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) के दौरान ये उपाय जरूर करें। इन उपायों को करने से व्यक्ति और उनके पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

    पितृ पक्ष के उपाय

    • अगर आप पितृ ऋण से निजात पाना चाहते हैं, तो पितृ पक्ष के दौरान रोजाना स्नान-ध्यान करने के बाद गंगाजल या दुग्ध में काले तिल और बेलपत्र मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से पितृ ऋण दूर होता है।
    • अगर आप पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो पितृ पक्ष के दौरान काले तिल का दान करें। आप काले तिल का दान मंदिर में कर सकते हैं। इस उपाय को करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
    • पितृ पक्ष के दौरान स्नान-ध्यान के बाद बेलपत्र (Pitru Paksha Belpatra Upay) पर राम लिखकर भगवान शिव को अर्पित करें। इस उपाय को करने से कुंडली में व्याप्त अशुभ ग्रहों का प्रभाव खत्म हो जाता है।  
    • पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया जाता है। अतः श्राद्ध पक्ष के दौरान घर में बड़े-वृद्ध की सेवा और सम्मान करें। उनका दिल न दुखाएं और न ही मान-सम्मान को ठेस पहुचाएं।
    • आश्विन माह में कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर अमावस्या तिथि तक रोजाना स्नान-ध्यान के बाद जल में काले तिल (Shraddha Paksha Kale Til Upay) और जौ मिलाकर पितरों को अर्घ्य दें। इस उपाय को करने से भी पितृ ऋण से मुक्ति मिलेगी।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।'